कोरबा. अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर ढाई साल से शिक्षा विभाग का ध्यान केवल इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहा है। पुराने स्कूल भवनों को ही नया लुक देकर इनकी तुलना सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों से की गई है। शहर के बीच स्थित पंप हाउस अंग्रेजी माध्यम स्कूल में डीएमएफ के एक करोड़ 30 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई की मान्यता लेना ही भूल गए। जिसके कारण वहां प्रवेश लेने वाले छात्र जो सीबीएसई पाठ्यक्रम की पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें सीजी बोर्ड का पाठ्यक्रम पढ़ना पड़ेगा। क्योंकि सीबीएसई की मान्यता नहीं मिली है।
एक अधिकारी ने बताया कि पूरे प्रदेश में यही स्थिति है। सभी जगह इस सत्र में सीजी बोर्ड के पाठ्यक्रम ही पढ़ाए जाएंगे।
जिले के एक निजी स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि सीबीएसई की मान्यता प्राप्त करने के लिए जो नॉर्म्स हैं उसके लिहाज से तो अगले सत्र में भी मान्यता मिलना मुश्किल है। चूंकि मामला शासन से जुड़ा है इसलिए संभव है। उन्होंने बताया कि मान्यता के लिए मार्च में आवेदन करना होता है। 3 एकड़ का स्कूल कैंपस होना चाहिए, उसमें खेल मैदान आदि हों। आवेदन करने के ३-4 माह बाद बोर्ड की एक टीम विजिट करती है जो मौके पर आकर नार्म्स को वेरिफाई करती है।
जिले में इस सत्र से 6 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुल गए हैं। लेकिन सुविधाए संसाधन व भवन की बात करें तो विभाग का पूरा ध्यान शहर के पंप हाउस स्कूल में ही रहा। जबकि पाली, हरदीबाजार, पोड़ी-उपरोड़ा, कटघोरा व करतला के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में केवल रंग-रोगन का ही काम किया गया है। शिक्षा विभाग की इस अनदेखी को लेकर क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों का कहना है कि शहर के स्कूल की तरह उनके स्कूलों का भी कायाकल्प होना था। तत्कालीन रमन सरकार ने कोरबा समेत पूरे प्रदेश के सभी ब्लाकों में मॉडल स्कूलों की स्थापना की थी।
नगर निगम के एल्डरमैन व पंप हाउस निवासी एस. मूर्ति ने कहा कि शासकीय हाई स्कूल की जगह अंग्रेजी माध्यम स्कूल को संवारने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए हैं। विभाग का ध्यान उस संपत्ति की सुरक्षा पर नहीं है। शिक्षा विभाग को इसके लिए पहल करते हुए एक चौकीदार की व्यवस्था करनी चाहिए। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल पंप हाउस, कोरबा के प्राचार्य विवेक लांडे ने कहा कि सीबीएसई से मान्यता के लिए जून में आवेदन किया गया है।
इस साल सीजी बोर्ड के पाठ्यक्रम ही पढ़ाए जाएंगे। बीच में मान्यता मिल भी जाएगी तो संभव नहीं होगा। सीबीएसई पाठ्यक्रम से पढ़ाई सत्र 2022-23 में ही शुरू हो पाएगी।