महासमुन्द| छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले के अन्तिम छोर ओडिशा बॉर्डर पर सरायपाली के पास आज अल सुबह दो जंगली हाथियों के अचानक आ धमकने से क्षेत्र में दहशत है। बहरहाल हाथियों के स्थान के आसपास वन विभाग द्वारा घेराबंदी कर लोगों को हाथियों की ओर जाने से रोका जा रहा है। हाथियों को खदेड़ने प्रशासनिक सूचना के बाद जिला मुख्यालय से हाथी विशेषज्ञ की टीम सराईपाली की ओर निकल चुकी है।
मिली जानकारी के अनुसार आज सूर्योदय के साथ ही एक मादा और एक शावक हाथी नगर पंचायत सरायपाली के वार्ड 8 झिलमिला सरस्वती शिशु मंदिर के सामने आबादी के बीच पहुँच गए। हाथियों को शहर के बीच देख कर वार्ड वासियों एवम आवागमन करने वालो में भगदड़ मच गई।
वन विभाग को घटना की सूचना मिलते ही विभागीय टीम मौके में पहुच कर हाथी को जंगल की ओर खदेड़ने के प्रयास में जुटी है।
दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है| साथी ही लोगों को जागरूक एवं सतर्क रहने को कहा जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि गोमर्डा अभ्यारण्य की ओर से बिछड़ कर उक्त हाथी यहां आ गए है। इन्हें वापस जंगल की ओर खदेड़ने महासमुन्द से विशेषज्ञ टीम निकल चुकी है।
शहर में मुनादी
इधर पूरे सरायपाली शहर में मुनादी की जा रही है। हाथी खुद घबराकर नगर के सड़क पर दौड़ रहा है। जिससे की लोग जान बचाते नजर आ रहे है व दहशत में हैं| मौके पर पुलिस फारेस्ट के अधिकारी मौजूद है अब तक किसी के जन हानि की खबर नहीं है।
मंगलवार को तुमगांव पहुचा था हाथी
ज्ञात हो कि अभी 2 दिन पूर्व ही तुमगांव नगर पंचायत क्षेत्र में एक हाथी सिरपुर से पहुचा था।इस हाथी ने तुमगांव नगर पंचायत के वार्ड 5 के रहवासियों की बॉडी में लगाये गए केले सहित अन्य फलों के पेड़ पौधों को नुकसान पहुचाया था।
भोजन पानी की तलाश में पहुँच रहे
इधर विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों ने छत्तीसगढ़ में अपना कॉरिडोर बना लिया है। परन्तु अब जंगलों में उनके भोजन पानी की कमी के कारण वे शहर की ओर पहुँच रहे हैं। गर्मी बढ़ने के साथ ही हाथियों के शहर की ओर प्रवेश बढ़ेगा इसके लिए शासन को जंगलों के भीतर ही हाथियों के भोजन पानी की व्यवस्था करनी ही होगी।अन्यथा कभी कोई बड़ी घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।