पिथौरा| देश डिजिटल में एक सरकारी स्कूल के प्रकाशित खबर के बाद शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल एवम सी ई ओ एस. आलोक जिले के दूरस्थ ग्राम जबलपुर स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल पहुचे. एवम वहां अध्ययन रत बच्चों एवम शिक्षकों का रियल्टी टेस्ट लिया. स्कूल की पढ़ाई से प्रभावित श्री आलोक ने स्कूल मुख्यमंत्री को भी दिखाने का आश्वासन दिया.
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जबलपुर के बच्चों एवम शिक्षकों से मुलाकात कर काफी प्रसन्न दिखाई दिए. इस दौरान जिला पंचायत सी ई ओ ने शिक्षक अश्विनी प्रधान एवम अध्यक्ष उषा पटेल ने बच्चों एवम शिक्षकों की क्लास भी ली. जिसमे पूरी तरह अंग्रेजी मे ही सवाल जवाब हुए।क्लास में जिला सी ई ओ ने बच्चों को साइंस का फॉर्मूला बताया केरियर के बारे मे मार्गदर्शन दिया.
पिथौरा के एक गाँव के सरकारी स्कूल ने महंगे निजी स्कूलों को पीछे छोड़ा, बच्चों की अंग्रेजी फर्राटेदार
अपने बीच जिले की सबसे महत्वपूर्ण जन प्रतिनिधि एवम एक आईएएस को पाकर बच्चे काफी खुश थे. बच्चों ने श्री आलोक से खुलकर अंग्रेजी में बातचीत की जिससे वे खासे प्रभावित नजर आए.
बच्ची ने IAS बनने मार्गदर्शन मांगा
श्री आलोक की क्लास के बाद इस स्कूल में अध्ययन रत कक्षा नवमी की एक छात्रा लान्सी बारीक ने अंग्रेजी में ही उनसे प्रश्न पूछा कि सर वे IAS बनाना चाहती है. इसके लिए मार्ग दर्शन कीजिये. छात्रा के इस प्रश्न पर श्री आलोक ने प्रसन्नता से जवाब दिया कि वे भी सरकारी स्कूल में ही पढ़ कर ही यहां तक पहुचे हैं . आपको जिस विषय मे दिलचस्पी है आप उसे अच्छे से पढ़े और हायर सेकंडरी के बाद बी एस सी या बी ए से स्नातक करने के बाद आगे की परीक्षा हेतु तैयारी प्रारम्भ करें. श्री आलोक के इस तरह बच्चों को समझाने से अब बच्चे उत्साहित हैं
हाई स्कूल के लिए एक कक्ष — उषा पटेल
छोटे से ग्राम में शिक्षकों की मेहनत से निजी स्कूलों से भी अच्छे तरह से गढ़े जा रहे बच्चो की क्लास के लिए भी सरकारी कक्ष नही है लिहाजा हाई स्कूल ग्रामीणों के सहयोग से एक निजी घर मे लगाया जा रहा है. इसे देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ने जिला पंचायत की ओर से तत्काल एक कमरा बनवाने की घोषणा कर जल्द ही काम भी प्रारम्भ कराने की बात कही.इसके अलावा जरूरी दो और कमरों के लिए राज्य सरकार से जल्द ही स्वीकृति दिलाने का आश्वासन दिया.
बहरहाल ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर इसके लिए मेहनत करने वाले शिक्षकों का समय समय और सम्मान किया जाना चाहिए जिससे अन्य शिक्षको पर भी इसका प्रभाव पड सके.
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा