महासमुन्द| छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने की बात कहते हुए एक गरीब मरीज परिवार को एक महंगे निजी अस्पताल उपचार हेतु भेजने की जानकारी सामने आई है।बहरहाल पीड़ित परिवार अब निजी अस्पताल में मोटी फीस देकर उपचार करवाने मजबूर है।
बताया जा कि 9 फरवरी को गौतमचंद जैन , रौनक जैन और चंद्रिका जैन ग्राम बोडरीदादर निवासी अपने मोटरसाइकिल से महासमुंद जा रहे थे| इस बीच बागबाहरा में यह परिवार सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बागबाहरा उपचार हेतु ले जाया गया।
जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि गौतमचंद जैन 50 वर्ष के हाथ में फेक्चर तथा रौनक जैन सात वर्ष का पैर में तीन जगह फेक्चर है। वहीं चंद्रिका जैन 45 वर्ष के कमर में चोंट होना बताया| चूंकि बागबाहरा सरकारी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है लिहाजा तीनों मरीजों को 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल खरोरा महासमुंद भेजा गया।
जिला अस्पताल में उपस्थित डॉक्टर ने मरीजों का उपचार करने के बजाय उन्हें यहाँ कोई व्यवस्था नहीं है कहते हुए तीनों दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को महासमुंद के निजी अस्पताल में भेज दिया गया। सरकारी अस्पताल में सेवा देने वाले डॉक्टरों का नीजि अस्पताल में उपचार हेतु भेजना आश्चयजनक था। इसके बाद इस परिवार को सरकारी एम्बुलेंस से ही जिला मुख्यालय के एक चर्चित निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया।
सरकारी डॉक्टर का निजी रिफर
जिला अस्पताल में पदस्थ जिम्मेदार सरकारी डॉक्टर द्वारा किसी मरीज को सरकारी अस्पताल में सुविधा नही है कह कर निजी अस्पताल भेजना प्रदेस की स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय में अब मेडिकल कॉलेज भी खुल रहा है जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल का रूप ले चुका है इसके बावजूद यहाँ पदस्थ एक डॉक्टर के उक्त रवैये ने अभी से मेडिकल कॉलेज अस्पताल की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए पर्याप्त है।
स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत
पीडित परिवार द्वारा महामहिम राज्यपाल एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से जिला अस्पताल की व्यवस्था और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा की जा रही लापरवाही की शिकायत की गई है।
जिम्मेदार अफसरों का जवाब
घटना के सम्बन्ध में जिला चिकित्सा अधिकारी श्री मंडपे से बात करने पर उन्होंने हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट से बात करने की सलाह दे दी। इसके बाद घटना की शिकायत सुपरिटेंडेंट डॉ. सोनकर से उनके मोबाइल नं.9301259067 पर की गई।इस पर उन्होंने कहा कि यहाँ हड्डियों के टूट जाने पर जो प्लेट वगैरह लगाना पडता है वह जरूरी मेडिकल उपकरण नहीं होने के कारण मरीज को रायपुर मेकाहारा रेफर किया गया है। डॉ. सोनकर को जब बताया गया कि मरीज को मेकाहारा नहीं महासमुंद के नीजि अस्पताल अकाल पुरक में 108 एंबुलेंस से भेजा गया है इस पर उन्होंने कहा कि मैं डॉ. रजत से पुछूंगा कि वे निजी अस्पताल मरीज को कैसे भेज दिए| इसकी जानकारी डाक्टर से बात करने के बाद दूंगा।
बता दें शासन द्वारा जरुरतमंदों के बेहतर इलाज करने हेतु केन्द्र और राज्य सरकारो द्वारा निःशल्क उपचार हेतु योग्य डॉक्टरों के साथ आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करवाई गई है। मोटी पगार लेने के बाद भी कुछ सरकारी डॉक्टर ईमानदारी से कार्य करने वाले स्वास्थ्य अमले को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं |