deshdigital के लिए पिथौरा से रजिंदर खनूजा
बेहतर शिक्षा देने छत्तीसगढ़ सरकार आधुनिक सुविधाओं से लैस नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोल रही है| पर हिंदी मीडियम की सुध तक नहीं ले रही | छत्तीसगढ़ के रायपुर संभाग के महासमुन्द जिले का दूरस्थ विकासखण्ड सरायपाली के सिंघोडा का हिंदी मीडियम हाई स्कूल एक चपरासी के भरोसे है।
पदस्थ एक मात्र शिक्षक की कोरोना से मौत के बाद अब तक किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। महासमुंद जिले में दम तोड़ती सरकारी स्कूली शिक्षा व्यवस्था का हाल इस स्कूल से पता चलता है ।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के चलते लंबे अंतराल के बाद अब स्कूलों को 2 अगस्त से पढ़ाई के लिए खोल दिया गया है । लेकिन स्कूलों में शिक्षको की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई आज भी प्रभावित है । ऐसा ही एक मामला महासमुंद जिले के सिंघोड़ा से सामने आया है ।
जहां के हाई स्कूल में पिछले तीन सालों से शिक्षक की कमी है और अब हालात यह है कि स्कूल में पदस्थ एक मात्र शिक्षक की भी कोरोना से मौत के बाद यह स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है | अब यह एक चपरासी के भरोसे स्कूल खुल रहा है ।
विगत दो सत्र से बन्द स्कूल के बाद अब स्कूल खुला भी तो बगैर शिक्षक।अब ग्रामीण बच्चों के भविष्य को लेकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं ,वही आला अधिकारी अब संज्ञान लेने की बात करते हुवे जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कह रहे है ।
खाली कमरे खाली कुर्सियां
उक्त स्कूल को प्रत्यक्ष देखने पर वहां बिना शिक्षक के ही बच्चे बैठे दिखे। स्टॉप रूम की खाली कुर्सियां और तो और प्राचार्य रूम का खाली पडा कमरा इस स्कूल की कहानी स्वयम ही बयां कर रहा है।
औपचारिक व्यवस्था के बगैर ही 2 अगस्त से स्कूल को खोल दिया गया है । जहां चपरासी स्कूल खोल देता है और बच्चे स्कूल सिर्फ खेलने आते है । यहां पढ़ने वाले 9वीं- 10वीं कक्षा के 78 बच्चों का भविष्य अधर में है ।
परिजन चिंतित हैं और कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी से गुहार लगा रहे हैं । अभिभावकों का कहना है कि जब से स्कूल खुला है तब से शिक्षकों का अभाव है वे इसे लेकर कई बार आंदोलन तक कर चुके हैं ।
वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी, सतीश नायर- सहायक संचालक
महासमुंद जिले के शिक्षा विभाग के सहायक संचालक सतीश नायर कहते हैं – उनके संज्ञान में ये मामला अभी आया है। उन्होंने इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बीईओ सराईपाली को निर्देश दिए है। परन्तु श्री नायर स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के सम्बंध में कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं दे पाए। वे यह भी नहीं बता पाए कि यहाँ पदस्थ शेष 2 शिक्षकों को वापस क्यों नही भेजा जा सकता।
बहरहाल , छत्तीसगढ़ सरकार आधुनिक सुविधाओं से लैस नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोल रही है पर हिंदी मीडियम की सुध तक नहीं ले रही | आखिर इन बच्चों का भविष्य कौन गढ़ेगा?