रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज भी हंगामेदार रहा। अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट की जमीन के अधिग्रहण का मामला गूंजा। भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने यह मामला उठाते हुए पूछा कि क्या प्रोजेक्ट में प्रस्तावित जमीन के विरुद्ध दूसरी जमीन की अदला बदला करने की शिकायत आई है? निर्धारित जमीन से अधिक जमीन का मुआवजा भू स्वामियों को बांट दिया गया? राजस्व मंत्री ने माना कि दो शिकायतें प्राप्त हुई है।
अधिक मुआवजा के मामले की जांच के लिए बिलासपुर कलेक्टर ने छह सदस्यीय जांच टीम गठित की है। 5 हजार 877 भू स्वामियों को 221 करोड़ का मुआवजा दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सिंचाई की ये राज्य की सबसे बड़ी योजना है। यह योजना रमन सरकार के समय शुरू की गई थी। राजस्व मंत्री ने कहा कि गड़बड़ी की शिकायत के बाद पटवारी को निलम्बित किया गया है। जांच के लिए दो कमेटी गठित की गई हैं।
एक कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है जबकि दूसरी कमेटी सीमांकन की जांच कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जांच कमेटी जिनकी अध्यक्षता में बनाई गई, वे भी आरोप के घेरे में हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में ये प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। गड़बडिय़ां अब सामने आ रही हैं तो कार्रवाई हो रही है। प्रोजेक्ट आपकी सरकार ने समय पर पूरा नहीं किया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि राजस्व मंत्री अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए सक्षम हैं, आप निश्चिंत रहिये।