बसना | बसना की बेटी परमजीत कौर जब ITBP में सहायक कमांडेंट चिकित्साधिकारी (Assistant Commandant Medical Officer) बनकर पहली बार अपने घर आई तो पूरा नगर स्वागत-अभिनन्दन में उमड़ पड़ा | MBBS करने के बाद देश सेवा का कठिन रास्ता चुनने वाली अपनी लाडली को फूलों से लाद दिया | जब जुलूस निकला तो समूचा बसना फूला नहीं समा रहा था | भाइयों ने अपनी बहन की रैली निकाल अगवानी की |
व्यापारी संघ ,सिख समाज, अग्रवाल समाज आदि ने जगह-जगह अभिवादन और सम्मान किया | बसना गुरुद्वारा की ओर से सरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया |
महासमुंद जिले के बसना में पली बढ़ी परमजीत के पिता नागेन्द्र सिंह भी पेशे से डाक्टर हैं | माँ दलजीत कौर गृहिणी हैं |
बसना में प्रारम्भिक स्कूली पढाई पूरी करने के बाद परमजीत ने इंदौर के मेडिकल कॉलेज से अपना एमबीबीएस पूरा किया|
एमबीबीएस करने के बाद उसने ITBP में जाने का फैसला किया | 5अप्रैल 2020 में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, 38 बटालियन खरोरा में ज्वाइन किया|
ITBP ज्वाइन करने के बाद उसने देश के भिन्न प्रदेशों में आयोजित कई कठिन ट्रेनिंग में शामिल हुई | Drill, weapon handling, field craft, battle craft, map reading, परंपरागत v गैर परंपरागत युद्ध कौशल , काउंटर इनसर्जेंसी , मैन मैनेजमेंट , कानून तथा प्रशासन, रॉक क्लाइंबिंग, जंगल एक्सरसाइज, फायरिंग ,इत्यादि में पारंगत हुई |
16 अक्टूबर 2020 को मसूरी आईटीबीपी अकादमी में द्वितीय कमान संभाल कर ITBP के महानिदेशक संजय अरोरा को पासिंग आउट परेड में सलामी देते हुए पासआउट हुईं। और सहायक कमांडेंट चिकित्साधिकारी तौर पर ITBP की मुख्यधारा में शामिल हुई ।
इसके बाद उसने अपना कार्यक्षेत्र छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले को चुना।
जिला मुख्यालय नारायणपुर से 22 किलोमीटर दूर बेनूर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र में डेढ़ साल अपनी सेवा दी। डॉ परमजीत पहली चिकित्सा अधिकारी थी जो इस केन्द्र तक पहुंची थी।
इस दौरान मार्च 2020 में 34 नार्मल इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी करवाने व बेनूर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र को कायाकल्प अवार्ड दिलाने नारायणपुर कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया गया ।
जब देश में कोरोना संक्रमण का पहला दौर आया तब दिल्ली में बने दुनिया के सबसे बड़े 10 हजार बिस्तर वाले कोविड-19 (covid hospital Delhi)के हॉस्पिटल में मरीजों को ठीक करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय ने ITBP को दी। तब परमजीत ने भी जुलाई 2020 से फरवरी 2021 तक अपनी सेवाएँ दीं| वह यहाँ कार्यरत देश के 170 चुंनिंदा डाक्टरों में से एक थी |
परमजीत की इस उल्लेखनीय सेवा के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल , गृह मंत्रालय, डीजी इन्सिग्निया पदक व कमेंडेशन रोल (प्रशस्ति पत्र )से सम्मानित किया।
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डॉ परमजीत गर्व से कहती है एक डॉक्टर के रूप कोरोना योद्धा बनकर उसने अपनी जिम्मेदारी निभाई | वह यूनिफार्म पहनकर एक सैनिक की भी जिम्मेदारी निभाने तैयार है।
इस तरह हुआ स्वागत देखें video:
बसना की बेटी डॉ. परमजीत कौर डाक्टर बनने के बाद किसी बड़े अस्पताल में काम कर कमाई का रास्ता अपना सकती थी लेकिन देश सेवा के भाव ने उसे ITBP तक ले आया| छत्तीसगढ़ में सिख समाज की पहली बेटी है जिसने Assistant Commandant Medical Officer के मुकाम को हासिल किया |
deshdigital के लिए बसना से बृजलाल दास की रिपोर्ट