महासमुंद। छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के तेजी से बढ़ते संक्रमण ने लोगों को इतनी दहशत और खौफ पैदा कर दिया है कि मदद के दो हाथ पीछे बंधते जा रहे हैं| सामान्य मरीज भी मदद और इलाज के अभाव में दम तोड़ रहा है|
ओडिशा का एक मजदूर इसी तरह शनिवार को छत्तीसगढ़ के महासमुंद रेलवे स्टेशन पर मदद के लिए तरसते, तड़पते दम तोड़ दिया| पत्नी बेबस पति को मौत के मुंह में जाते देखती रह गई| घंटों बाद पुलिस आई और लाश को जाँच के लिए अस्पताल भिजवाया|
ओडिशा के कालाहांडी जिले के केसिंगा इलाके के मालपडा पथरला गांव निवासी 45 बरस का चेयरमैन मांझी नामक मजदूर तबियत ख़राब होने के कारण अपनी पत्नी के साथ अपने गाँव जाने के लिए निकला था|
बताया गया कि महासमुंद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते दोनों ने खाना खाया|
खाना खाने के कुछ देर बाद मजदूर चेयरमैन की तबियत बिगड़ी और बेहोश हो गया| उसकी पत्नी मदद के लिए गुहार लगाती रही लेकिन किसी के मदद के दो हाथ सामने नहीं आये। राहगीर दूर से देखकर चलते बने|
आखिरकार मजदूर ने तडपते हुए दम तोड़ दिया|
लोगों की सूचना पर पहुंची 108 और 112 भी आकर बिना कोई मदद किये लौट गई| पत्नी घंटों पति के लाश के सामने बैठे रोते बैठी रही।
शाम को पुलिस एंबुलेंस के साथ आई और लाश को अस्पताल लेकर गई।
बताया गया कि मृतक का आरटीपीसीआर सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है।
सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद मृतक के बेटे नितिन मांझी ने कोविड प्रोटोकॉल के तहत अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
बताया गया कि ओडिशा का यह मजदूर चेयरमैन मांझी अपनी पत्नी दुलारी बाई के साथ ग्राम खरोरा में मजदूरी करता था।
बता दें कोरोना की पहली लहर में भी इसी तरह की कई घटनाएँ सामने आ चुकी हैं| सबसे ज्यादा इसके दिहाड़ी मजदूर, गरीब को भुगतना पड़ा|