जगदलपुर। प्रदेश सरकार इस वर्ष एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीद करने जा रही है, लेकिन सहकारी समिति के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से एक नवंबर से धान खरीद अधर में अटकती लग रही है। जब तक हड़ताल जारी रहेगा तब तक धान खरीद आगे बढ़ती रहेगी। सरकार की इस नई कवायद का फायदा किसानों को मिलता नहीं रही दिख रहा है। सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के विकल्प के तौर पर 01 नवंबर से राजस्व एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों से धान खरीद की कवायद की जा रही है, इसमें कितनी सफलता मिलती है यह देखा जाना है।
इधर बस्तर जिले के 72 धान खरीद केंद्रों में अब तक धान खरीद का ट्रायल भी नहीं हो सका है, अर्थात धान खरीदी केंद्रों में कोई तैयारी कल से शुरू होने वाले धान खरीद के लिए नजर नहीं आती है। अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे सहकारी समिति के कर्मचारियों का कहना कि सरकार हमारी मांगों को पूरा करने के बजाय हम पर हड़ताल को खत्म करने का दबाव बना रही है।
वहीं रविवार की देर शाम जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक एलएल बूंझ, सीईओ सीके जोशी उपपंजीयक विनोद बुनकर, डीएमओ राजेंद्र ध्रुव, सहायक प्रबंधक एसए रजा और लैप्स कर्मचारियों की ओर से जिलाध्यक्ष उत्तम सेठिया, संभागीय अध्यक्ष मनबहाल महावीर, सचिव सोनू राव आदि की बैठक हुई, लेकिन बैठक बेनतीजा रही।
बस्तर जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उत्तम सेठिया ने सोमवार को कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती हम हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। सेठिया ने कहा कि बस्तर संभाग में सहकारी समितियों के करीब 1500 कर्मचारी आंदोलन में शामिल हैं। जिसमें सहकारी समितियों के प्रबंधक, खरीद प्रभारी और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।