रायपुर | हसदेव अरण्य को बचाने 300 किलोमीटर पैदल चलकर बुधवार को राजधानी रायपुर पहुंचे सरगुजा और कोरबा जिले के आदिवासी पदयात्रियों को संबोधित करते पंचायत एवं स्वास्थ मंत्री टी.एस. सिंह देव ने कहा, यूपीए सरकार के नो-गो का पालन होना चाहिए|
आदिवासी पदयात्री आज राज्यपाल अनुसूइया उइके और सीएम भूपेश बघेल से नहीं मिल पाए | राज्यपाल अनुसूइया उइके से कल मुलाकात का समय दिया है | मुख्य मंत्री कार्यालय से अब तक संवाद के आवेदन पर कोई सूचना नहीं मिल पायी है |
हसदेव बचाओ पदयात्रा 4 अक्टूबर 2021 से मदनपुर गांव से शुरू होकर आज 13 अक्टूबर 2021 को रायपुर पहुंची। टिकरापारा स्थित ताराचंद सभागृह में पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव ने पदयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि हसदेव अरण्य को बचाने का आप लोगों का संघर्ष एक महत्त्वपूर्ण संघर्ष है।
उन्होंने कहा कि आज पर्यावरणीय चिंताओं के परिदृश्य में कोयला खनन अत्यंत घातक है और यह आवश्यकता है कि अक्षय ऊर्जा की ओर हम आगे बढ़े। उन्होंने हसदेव अरण्य के संबंध में स्पष्ट रूप से कहा कि यह माइनिंग के लिए नो-गो क्षेत्र घोषित किया गया था। अतः नो-गो की इस अवधारणा पर अमल होना चाहिये।
उन्होंने ट्विट कर इस मुलाकात को साझा भी किया है –
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मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से संवाद एवं पदयात्रा कार्यक्रम
14 अक्टूबर को हसदेव अरण्य से आए हुए ग्रामवासी बूढ़ा-तालाब के निकट धारणा प्रदर्शन और सम्मेलन आयोजित करेंगे | उन्होने मुख्य मंत्री तथा राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है | माननीय राज्यपाल सुश्री अनुसूइया ऊईके जी ने पदयात्रियों के एक दल से संवाद का समय दिया है जबकि मुख्य मंत्री कार्यालय से अब तक संवाद के आवेदन पर कोई सूचना नहीं मिल पायी है |
हमारी मांगें
- हसदेव अरण्य क्षेत्र की समस्त कोयला खनन परियोजनाओं को निरस्त किया जाए |
- बिना ग्राम सभा सहमति के कोल बीयरिंग एक्ट 1957 के तहत किए गए सभी भूमि-अधिग्रहण को तत्काल निरस्त किया जाए |
- पाँचवी अनुसूचित क्षेत्रों में किसी भी कानून से भूमि-अधिग्रहण प्रक्रिया के पूर्व ग्राम सभा से अनिवार्य सहमति लेने के प्रावधान को लागू किया जाए |
- परसा कोल ब्लॉक के लिए फ़र्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई वन स्वीकृति को तत्काल निरस्त किया जाए एवं ग्राम सभा का फ़र्जी प्रस्ताव बनाने वाले अधिकारी और कंपनी पर FIR दर्ज किया जाए |
- घाटबर्रा के निरस्त सामुदायिक वनाधिकार को बहाल करते हुए सभी गाँव में सामुदायिक वन संसाधन और व्यक्तिगत वन अधिकारों को मानिता दी जाए |
- पेसा कानून 1996 का पालन हो |
(हसदेव बचाओ संघर्ष समिति की ओर से) उमेश्वर सिंह अर्मो ,रामलाल करियाम, बसंती दीवान, बजरंग पैकरा, आलोक शुक्ला, मुनेश्वर पोर्ते
(साभार: जानकारी ,तस्वीर और वीडियो आलोक शुक्ला का फेसबुक पोस्ट )