रायपुर| छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सीआरपीएफ व छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम पर हमला करने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एनआईए रांची शाखा के प्रमुख आईपीएस अधिकारी डॉ शैलेंद्र मिश्रा के बयान पर एनआईए ने पूरा मामला दर्ज किया है। एनआईए की दर्ज एफआईआर के मुताबिक, बीजापुर हमले की पूरी साजिश भाकपा माओवादी संगठन के प्रमुख नंबला केशव राव ने रची थी।
इस मामले में एनआईए ने नंबला केशव राव उर्फ बसवा राजू, मुप्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, कट्टम सुदर्शन, वेणुगोपाल उर्फ भूपति, हिडमा, सागर, नागेश, सोमू सोबराई, सुजाता, टाटी कमलेश उर्फ गांधी, राहुल, बेल्ला, प्रशांत, राकेश, मलेश, विज्जा, मासा, मंगधू, मडन्ना, जगदीश समेत 350-400 अज्ञात माओवादियों को आरोपी बनाया है। पूरे नक्सल हमले की जांच की मॉनिटरिंग रांची एनआईए एसपी डॉ शैलेंद्र मिश्रा करेंगे। वहीं जांच की जिम्मेदारी एनआईए रायपुर के एएसपी स्तर के अधिकारी अमरेंद्र तिवारी को दी गई है।
छतीसगढ़ के बीजापुर जिले के झिरम के तेकुलगुड़ियम गांव में भाकपा माओवादियों के शीर्ष नेताओं समेत 400 से अधिक माओवादियों की सूचना पुलिस को मिली थी। सूचना के बाद पुलिस ने 2 अप्रैल से इलाके में अभियान शुरू किया था। 3 अप्रैल की सुबह मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों को एंबुश कर भाकपा माओवादियों ने निशाना साधा था। माओवादियों के हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे, वहीं कई इस हमले में जख्मी हुए थे। जानकारी के मुताबिक, माओवादियों की मौजूदगी को लेकर चलाए गए अभियान में 1500 से अधिक सुरक्षाकर्मी शामिल थे। हमले के बाद इस केस की जांच छतीसगढ़ पुलिस कर रही थी, लेकिन 3 जून को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए से जांच संबंधी आदेश जारी किए थे। नक्सली हमले में शहीद हुए 22 जवानों की मौत के मामले में एनआईए ने आईपीसी की धारा 147,148,149, 302, 307, 396 और 397, आर्म्स एक्ट 25 और 27, यूएपीए की धारा 13 और 38 एवं विस्फोटक अधिनियम 3 और 5 के तहत मामला दर्ज किया है।