दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की लापरवाही से आंगनबाड़ी केंद्र में एक बच्ची घंटों कैद होकर रह गई | बच्ची के परिजनों ने बेसुध हालत में आंगनबाड़ी केंद्र से निकाला और उसकी जान बच गई | घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करा दी गई है |
प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के ग्राम टेमरी आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 में कल बुधवार को देवांगन परिवार की 3 वर्ष की बच्ची गई थी। बच्ची केंद्र में खेलने लगी और उसे छोड़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका दूसरे काम में लग गई। सुबह करीब पौने 11 बजे यह बच्ची केंद्र पहुंची और अकेले खेलते-खेलते दूसरी तरफ चली गई। जब बच्ची केंद्र में नहीं दिखी तो बच्ची को घर चली गई होगी, ऐसा समझ कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका केंद्र में ताला बंद कर घर चली गई।
उधर बच्ची के घर नहीं उसके परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। इस बीच किसी ने परिजनों को बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर से किसी बच्ची की रोने की आवाज आ रही थी। इस पर परिजन ने केंद्र की कार्यकर्ता को बुलाया और जब ताला खोला गया तो बच्ची अंदर बेसुध अवस्था मिली।
बच्ची के कुशल मिलने पर परिजनों ने राहत की सांस ली। परिजनों ने इतनी बड़ी लापरवाही के लिए लिटिया सेमरिया पुलिस चौकी पहुंच लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
इधर घटना की सूचना महिला बाल विकास विभाग के अफसरों तक पहुंची । धमधा सीडीपीओ धीरेंद्र प्रताप सिंह ने संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया और मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।