बिलासपुर| छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक ने उज्ज्वला होम दुष्कर्म प्रकरण को काफी गंभीरता से लिया है।
आयोग की अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक ने कहा कि उज्ज्वला होम में कुछ तो गड़बड़ी हुई है। पीड़िताओं का पुलिस ने धारा 164 का बयान भी कोर्ट में दर्ज कराया है।
हमने पुलिस अधीक्षक को इस पूरे मामले की वैज्ञानिक आधार पर पड़ताल करने कहा है। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख करते हुए गंभीरता के साथ पड़ताल करने कहा है। हमारा उद्देश्य पीड़िताओं को न्याय दिलाना है।
आयोग की अध्यक्ष डा नायक ने कहा कि दो दिनों तक कैंप कर महिला प्रताड़ना से संबंधित प्रकरणों की जनसुनवाई की गई है।
इस दौरान 50 मामलों को सुनवाई के लिए रखा गया था। पंजीकृत प्रकरणों के अलावा तीन अतिरिक्त मामलों को भी सुनवाई के लिए लिस्टिंग की गई थी। अधिकांश प्रकरणों की सुनवाई के बाद निराकरण कर दिया गया है।
उज्ज्वला होम दुष्कर्म प्रकरण के संबंध में कहा कि दो दिनों के भीतर पीड़िताओं से बंद कमरे में अलग-अलग चर्चा की गई है। उनकी बातों से साफ है कि उनके साथ गलत हुआ है। प्रताड़ित होने के साथ ही भयभीत भी हैं। इस प्रकरण को आयोग गंभीरता से ले रहा है।
पुलिस की कार्रवाई पर लगातार नजर रखी जा रही है। पुलिस अधीक्षक से हमने इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में गंभीरता बरतने के साथ ही वैज्ञानिक आधार पर पड़ताल करने का सुझाव दिया है। कुछ महत्वपूर्ण बिंदु भी हमने अपनी तरफ से सुझाया है। जिस पर गौर करने व इन बिंदुओं के आधार पर जांच की दिशा आगे बढ़ाने कहा है।
एक सवाल के जवाब में आयोग की अध्यक्ष डा.नायक ने कहा कि ऐसे मामले जो कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित नहीं है। पीड़िता किसी कारणवश कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा पा रही हैं। आयोग के समक्ष शिकायत करने पर संज्ञान में लिया जाएगा। आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है। पीड़िताओं को न्याय दिलाना। मामला चाहे नया हो या फिर पुराना।
डा.नायक ने कहा कि महिला हो या फिर पुस्र्ष। प्रताड़ना के शिकार हैं तो अपनी शिकायत बेझिझक आयोग से कर सकते हैं। जिले के महिला एवं बाल विकास कार्यालयों में शिकायत पेटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। पेटी को प्रति सप्ताह खोला जाएगा। शिकायतों को विभाग के जरिए सीधे आयोग के कार्यालय भेजे जाएंगे। शिकायत पेटी के जरिए मिलने वाली शिकायतों को भी संज्ञान में लेकर सुनवाई की जाएगी।