बिलासपुर। टूलकिट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के ख़िलाफ़ दर्ज FIR को रद्द करने दायर याचिकाओं पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है।
टूलकिट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के ख़िलाफ़ दर्ज FIR को रद्द करने दायर याचिकाओं पर को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
साढ़े तीन घंटे की बहस के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आवेदन पर फ़ैसला सुरक्षित लिया वहीं राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ़्ते का समय दिया है।
टूलकिट मामले पर डॉ रमन सिंह और संबित पात्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी अजय बर्मन के साथ विवेक शर्मा और गैरी मुखोपाध्याय ने बहस की। जबकि राज्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सतीश चंद्र वर्मा ने पक्ष रखा।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि उनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है।कहा गया है कि जिस टूलकिट को लेकर अपराध दर्ज किया गया है, वह सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध था।
याचिकाकर्ताओं ने पब्लिक डोमेन में मौजूद उस डिजिटल डॉक्यूमेंट पर टिप्पणी की है। ऐसे में उनके खिलाफ कोई अभियोग नहीं बनता है। जबकि राज्य की ओर से की गई कार्यवाही को विधिसम्मत बताया गया है।
जस्टिस नरेंद्र व्यास ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ़्ते का समय दिया है जबकि अंतरिम आवेदन पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है।
बता दें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के ख़िलाफ़ रायपुर के सिविल लाइंस थाने में 19 मई को FIR दर्ज कराई गई थी।