बिलासपुर| छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए थाने से जब्त सम्पत्ति के गायब होने पर पीड़ित को ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया| कोर्ट ने इस मामले को गंभीर करा दिया|
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में संजय के .अग्रवाल की एकल खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते कहा है कि जब्त संपत्ति की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है। विचरण/अपील के निराकरण तक उसे सुरक्षित रखने में तत्परता बरतें।
बता दें कि दहेज प्रताड़ना के एक मामले में पुलिस ने युवक की संपत्ति जब्त की थी। जब युवक बरी हुआ तो पता चला कि थाने के हेड कांस्टेबल ने संपत्ति का गबन कर लिया है।
इंद्र कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनकी शादी मार्च 1992 में ममता जैन से हुई। 19 अप्रैल को ममता ने जगदलपुर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने कोर्ट में चलान पेश किया। जिसके बाद जिला कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 12 अगस्त 2013 को 10 साल की सजा सुनाई। पुलिस ने याचिकाकर्ता की करीब 5 लाख रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली।
अपनी सजा के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अपील की। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने साल 2017 में याचिकाकर्ता को सजा से बरी कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी जब्त संपत्ति के लिए जिला कोर्ट की शरण ली। जहां से पता चला कि थाने के हेड कांस्टेबल ने जब्त की गई संपत्ति का गबन कर लिया है और संपत्ति गायब है।
इस पर याचिकाकर्ता विभाग के उच्च अधिकारियों के पास गए। कई आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इस पर इंद्र कुमार ने संपत्ति प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट में फिर याचिका दायर की।