बिलासपुर।हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड एवं माटीकला बोर्ड के प्रबंध संचालक सुधाकर खलखो के विरूद्ध दायर मामले में शासन और ईओडब्ल्यू को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड एवं माटीकला बोर्ड के विरूद्ध ऑनलाइन न्यूज पोर्टल में 7 अगस्त 2021 को वित्तीय अनियमितताओं का समाचार प्रकाशित होने पर ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए भुवनेश यादव (आईएएस), विशेष सचिव ग्रामोद्योग विभाग की अध्यक्षता में 19 अगस्त 2021 को एक त्रि-सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था।
जांच दल द्वारा जांच के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के अनेक गंभीर तथ्यों को छिपाते हुए 7 पृष्ठीय जांच प्रतिवेदन 55 प्रासंगिक सहपत्रों सहित प्रस्तुत किया गया।
जांच प्रतिवेदन के अनुसार छत्तीसगढ़ विकास बोर्ड एवं माटीकला बोर्ड के प्रबंध संचालक सुधाकर खलखो (आईएएस) को 20 लाख रुपए की फोटोग्राफी नियम विरूद्ध कराए जाने, फोटोग्राफी कराए जाने के बाद अपने कार्यालय में ही 11.75 लाख रुपए में स्टूडियो का निर्माण कराने में शासकीय नियमों का पालन नहीं कराए जाने, अनेक वाहनों की खरीदी बिना अनुमति और आबंटन प्राप्त किए अन्य मदों से करने तथा गुजरात की संस्था को पीपीपी (पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर संचालन का निर्णय स्वतः लेकर बोर्ड को हानि पहुंचाए जाने का उल्लेख है।
उक्त मोड से व्यवसाय किए जाने के कारण बोर्ड को वर्ष 2020 और 2021 में माह जुलाई तक मात्र 62,980 रुपए की आमदनी हुई, जबकि किराया आदि में 32,72,439 रुपए व्यय किया गया है। नियमानुसार पीपीपी मोड पर व्यवसाय करने का निर्णय संचालक मंडल द्वारा लिया जाना था।
जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन ग्रामोद्योग विभाग में प्रस्तुत किए जाने के बाद ग्रामोद्योग विभाग द्वारा जांच प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजा गया, क्योंकि सुधाकर खलखो आईएएस कैडर के अधिकारी हैं और उनके विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ही सक्षम प्राधिकारी हैं। पर, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद भी सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा खलखो के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की गई।
प्रबंध संचालक खलखो के विरूद्ध तैयार किए गए जांच प्रतिवेदन की प्रति सूचना के अधिकार तहत प्राप्त कर किसान मजदूर संघ छत्तीसगढ़ के संयोजक ललित चन्द्रनाहू द्वारा राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, रायपुर में शिकायत पत्र जनवरी 2022 में प्रस्तुत कर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाने का अनुरोध किया गया, लेकिन प्रकरण दर्ज नहीं किए जाने पर मार्च 2022 में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, सचिव-सामान्य प्रशासन विभाग और पुलिस महानिदेशक को पत्र प्रेषित कर प्रबंध संचालक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु उक्त ब्यूरो को निर्देशित करने का निवेदन किया गया|
लेकिन किसी तरह का सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आने पर शिकायतकर्ता चन्द्रनाहू द्वारा प्रबंध संचालक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को निर्देशित किए जाने बाबत् याचिका अपने अधिवक्ता अनुजा शर्मा के माध्यम से प्रस्तुत की गई, जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा शासन और ईओडब्ल्यू को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।