बस्तर| माओवादियों ने अपने भारत बंद के दौरान बस्तर और बस्तर से लगे महाराष्ट्र के सरहदी इलाके में कई वारदात किये| बंद के पहले भी माओवादियों ने आगजनी की थी
माओवादियों ने जहाँ सुकमा और कांकेर में पेड़ काटकर रास्ता रोका वहीँ कांकेर में मोबाइल टावर और गढ़चिरौली में वाहनों में आग लगा दी। कैंप के पास पटाखे फोड़कर जवानों को उकसाने का भी प्रयास किया।
नक्सलियों ने देर रात मालेवाही कैंप और बोदली थाने से कुछ दूरी पर पटाखे फोड़कर जवानों को उकसाने का प्रयास किया।
कांकेर पीड़ापाल में देर रात ही मोबाइल टावर पर लगी मशीनों को आग लगा दी। अगले दिन सुबह कांकेर-आमाबेड़ा मार्ग पर नक्सलियों ने पेड़ गिराकर रास्ता रोक दिया। पंखाजूर में कई जगहों में नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर बांधे हैं।
सुकमा में कोंटा से लगे ढोणड्रा गांव के पास चिकवार गुड़ा पहाड़, कोत्ताचेरु व भेज्जी के बीच नक्सलियों ने जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगाया है। वहीं बीच सड़क पर पेंट से नक्सली नारे भी लिखे हैं।
कोंडागांव के केशकाल के ग्राम मातेंगा में रास्ता बंद होने के कारण वैक्सीनेशन के लिए जा रही टीम नहीं पहुंच सकी है। बाद में जवानों ने पेड़ व बैनर हटाए और मार्ग पर आवागमन व्यवस्थित किया।
बता दें माओवादी ऑपरेशन प्रहार के खिलाफ विरोध जताते हुए सेना को हटाने की मांग की है।
सुकमा जिले में माओवादियों ने भारत बंद के आयोजन से एक दिन पहले ही आधा दर्जन से ज़्यादा वाहनों को आग के हवाले करते हुए वाहन चालकों के साथ मारपीट भी की थी| घटनास्थल पर नक्सलियों ने अपने पर्चे और बैनर भी छोड़े|