रायपुर | विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। बस्तर में आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण किए बिना उद्योग स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए किसी आदिवासी को उसकी जमीन से नहीं हटाया जाएगा। कारखाने और फैक्ट्रीज शासकीय भूमि में लगाए जाएंगे। इनमें 90 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने प्रवास के दूसरे दिन बकावण्ड विकासखण्ड के गिरोला में पुजारी, सिरहा, गुनिया व समाज प्रमुखों से मुलाकात कर चर्चा की। मुख्यमंत्री के गिरोला आगमन पर वहां के पुजारी, सिरहा, गुनिया व समाज प्रमुखों ने उनका आत्मीय स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने माता हिंगलाजिन मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क, स्कूल और भवन बनाना तो सभी सरकारों का काम है। लेकिन हमारी सरकार का उद्देश्य सड़क, स्कूल और भवन बनाने के साथ-साथ व्यक्ति का विकास करना है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा, हमने सुपोषण और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के साथ ही यहां के बन्द पड़े स्कूलों को दोबारा खोलने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत भूमिहीनों को सालाना 6 हजार रुपये भी देने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बकावंड तहसील मुख्यालय में महीने में 15 दिन एसडीएम कार्यालय संचालित करने और स्टेडियम निर्माण की घोषणा की।
कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य तथा बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, सांसदद्वय श्री दीपक बैज और श्रीमती फूलोदेवी नेताम, बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चन्दन कश्यप, विधायक श्री राजमन बेंजाम, क्रेडा के अध्यक्ष श्री मिथिलेश स्वर्णकार, कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी., मुख्य वन संरक्षक श्री मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर श्री रजत बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेंद्र मीणा सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं हिंगलाजिन मंदिर समिति के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।