बिलासपुर| स्व-सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ शासन 1 फरवरी 2022 तक बाहर नहीं कर सकती| हाई कोर्ट ने महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से अलग-अलग रिट याचिकायों पर यह फैसला सुनाया है।
महादेव आगरकर ,अवर सचिव महाधिवक्ता कार्यालय बिलासपुर ने जारी विज्ञप्ति में कहा है, इस मामले में संपूर्ण सुनवाई के बाद न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि चूंकि राज्य शासन इस योजना को .01.02.2022 से लागू करेगा तब तक किसी भी स्व-सहायता समूह को राज्य शासन बाहर नहीं कर रही है और उन्हें तब तक कार्य करने की अनुमति शासन के निर्देशानुसार प्रदान की जाती है।
जारी विज्ञप्ति में कहा गया है , यदि शासन चाहे तो राज्य शासन एवं स्व सहायता समूहों के बीच जो अनुबंध हुए है, उन्हें अनुबंधों की शर्तो अनुसार ही उसे समाप्त कर सकता है। राज्य सरकार के उक्त निर्णय पर माननीय न्यायालय ने किसी भी प्रकार से रोक नहीं लगाया है।
राज्य सरकार अब स्वतंत्र है कि अपनी कार्रवाई, आदेश दिनांक 26.11.2021 के अनुसार कर सकती है।
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विज्ञप्ति के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से महाधिक्ता सतीश चन्द्र वर्मा ने न्यायालय को यह अवगत कराया है कि महिला स्व-सहायता समूहों को जो उनका मूल कार्य है जिसमें रेडी टू इट फूड को गरम पकाना, बच्चों को वितरित करना, ट्रांसपोर्ट करना जो मूल कार्य है वह करने की अनुमति राज्य सरकार पूर्व में ही दे चुका है और उनके हितों की रक्षा राज्य सरकार कर रही है।
इसलिए अंतरिम आदेश की आवश्यकता महिला स्व-सहायता समूहों के लोगों के पक्ष में देने की आवश्यकता नहीं है। अब इस मामले को राज्य शासन के जवाब के बाद दिनांक 12.01.2022 को सुनवाई के लिए तय किया गया है।