रायपुर|रेडी टू ईट बनाने वालीअनुबंधित महिला स्व-सहायता समूहों को अब इसके परिवहन एवं वितरण कार्य में सहयोग लिया जावेगा, जिससे उनके आय के साधन में निरंतरता रहेगी।
छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट पोषण आहार की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्रीयकृत व्यवस्था अपनाने का निर्णय लिया गया है। इस व्यवस्था में स्वचलित मशीनों के जरिए रेडी टू ईट पोषण आहार का उत्पादन किया जाएगा।
इस व्यवस्था के अंतर्गत वर्तमान में अनुबंधित महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट के परिवहन एवं वितरण कार्य में सहयोग लिया जावेगा, जिससे उनके आय के साधन में निरंतरता रहेगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं फूड सेफ्टी हाईजींन निर्देश 2013 में पूरक पोषण आहार निर्माण में स्वच्छता संबंधी मानक निर्देश दिये गए हैं।
साथ ही उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि हितग्राहियों को दिए जा रहे पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट में निर्धारित ऊर्जा, माइक्रोन्यूट्रीएंट्स (कैलोरी, प्रोटीन, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नाईसीन, कैल्शियम, थायमिन, आयरन, विटामिन ए, बी12, सी एवं डी) होने के साथ वह फोटिफाईड एवं फाइन मिक्स होना चाहिए। इसके साथ ही रेडी टू ईट मानव स्पर्शरहित, स्वचलित मशीन (Fully Automated) द्वारा निर्मित एवं जीरो संक्रमण रहित होना चाहिए।
वर्तमान में प्रचलित पूरक पोषण आहार व्यवस्था में परिवर्तन से हितग्राहियों को राष्ट्रीय अधिनियमों और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए मानक पूरक पोषण आहार प्रदान किया जा सकेगा।
मंत्री परिषद् द्वारा 22 नवम्बर को लिए गए निर्णय अनुसार रेडी टू ईट फूड निर्माण अब कृषि विकास एवं कृषक कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज एव कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित इकाइयों के माध्यम से किया जाएगा। इस आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के संयुक्त उपक्रम रायगढ़ संयंत्र द्वारा रेडी टू ईट प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है।
विभाग ने बताया है कि केन्दीयकृत व्यवस्था लागू होने से खाद्य सामग्री की वैधता अवधि अधिक होगी और गुणवत्ता में एकरूपता आएगी। इससे आसानी से पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग और उस पर नियंत्रण हो सकेगा। जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से सामग्री की आपूर्ति एवं पैकेजिंग में क्यूआर कोड का उल्लेख होगा। इससे सभी हितग्राहियो ंको उच्च गुणवत्ता और मानक अनुसार एक समान पूरक पोषण आहार मिलेगा।
विभाग ने जानकारी दी है कि केन्द्रीयकृत व्यवस्था के तहत् गुजरात राज्य में गुजरात कॉर्पोरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के 03 जिला सहकारी दूग्ध उत्पादक संस्थाओं, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश में तेलंगाना फूड्स तथा मध्यप्रदेश में एमपी एग्रो फूड कार्पोरेशन द्वारा भी स्वचलित मशीनों से निर्मित फोर्टिफाईड एवं माइक्रोन्यूट्रीएंट्स युक्त पोषण आहार हितग्राहियों को प्रदाय किया जा रहा है।