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रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में आज शुक्रवार को भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया। इस संकल्प में राज्य में 1 जनवरी 2022 से पूर्ण शराबबंदी का समर्थन किया, जिसका सत्ता पक्ष ने जमकर विरोध किया।
सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब दिया गया कि राज्य में शराबबंदी जल्दबाजी में नहीं की जा सकती। मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटियों ने शराब बंदी निर्धारित प्रक्रिया के तहत करने की वकालत की है। इस पर सदन में अशासकीय संकल्प को लेकर मत विभाजन हुआ। शराबबंदी के पक्ष में 13 और शराब बंदी के खिलाफ 58 वोट पड़े। 1 जनवरी से शराबबन्दी की मांग वाला अशासकीय संकल्प खारिज हुआ।
इस संकल्प के जवाब में मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन में कहा
इस मसले पर राजनैतिक समिति की बैठक हुई, प्रशासनिक समिति की बैठक हुई, राजनैतिक समिति में अब तक भाजपा जोगी कांग्रेस और बीएसपी दल से नाम माँगे गए थे जो अब तक नहीं आए हैं|
मोहम्मद अकबर ने कहाइसके साथ साथ तीन समितियाँ गठित की गई हैंन जिनमें विभिन्न समाज के लोग शामिल हैं,मणिपुर केरल समेत कई राज्यों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई लेकिन सफल नहीं हुई, वहीं कोरोना काल में जबकि सब बंद था, सेनेटाईजर और स्पिरिट पीकव लोगों की मौतें हुईं..फिर भी पूर्ण शराबबंदी के लिए अध्ययन जारी है
बता दें विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की थी कि सत्ता में आने पर वह पूरे प्रदेश में शराबबंदी करेगी लेकिन सरकार बनने के ढाई साल बाद भी तक शराबबंदी नहीं हो सकी है। इसे लेकर सरकार जनता और विपक्ष में तीखी आलोचना का दौर जारी है |