रायपुर| छत्तीसगढ़ में जुलूस -प्रदर्शन के लिए शासन से इजाजत के साथ ही शपथ –पत्र भी देना होगा | सार्वजनिक व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के लिए राज्य शासन ने परिपत्र जारी किया है।
गृह (पुलिस) विभाग ने इस संबंध में सभी जिला दंडाधिकारियों एवं सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर, विभिन्न संस्थाओं अथवा संगठनों द्वारा बिना पूर्वानुमति आयोजन/प्रदर्शन किए जाने से आम नागरिकों के रोजमर्रा के कार्यों में बाधा पहुँचने और व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित होने से उत्पन्न कठिनाइयों को दृष्टिगत रखते हुए, अनुमति पश्चात ही ऐसे आयोजन किए जाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।
धरना-जुलूस-सभा-रैली या अन्य आयोजन की अनुमति के लिए जिला दण्डाधिकारी को निर्धारित आवेदन प्रपत्र भरकर प्रस्तुत करना होगा, जिसमें आयोजक व्यक्ति या संस्था का नाम, आयोजन-प्रदर्शन का स्वरूप (धरना, रैली, धरना पश्चात ज्ञापन, धरना पश्चात रैली पश्चात ज्ञापन और अन्य विवरण), आयोजन-प्रदर्शन का दिनांक व समय सीमा, आयोजन-प्रदर्शन का स्थल, यदि रैली आयोजित हो रही है तो कहां से कहां तक (रूट चार्ट सहित), आयोजन का उद्देश्य, आयोजन-प्रदर्शन में शामिल होने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या ( ़ 100), आयोजन-प्रदर्शन में उपयोग होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों की जानकारी, आयोजन-प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोग कहां-कहां से आएंगे और कौन-कौन से साधन-वाहन से आएंगे (रेल-बस-छोटी चार पहिया-दो पहिया-पैदल) तथा वाहनों की अनुमानित संख्या (बस-ट्रक-ट्रेक्टर-छोटा हाथी-छोटी चार पहिया-दो पहिया वाहन-अन्य साधन) की विस्तृत जानकारी प्रविष्ट करना अनिवार्य होगा।
जारी प्रपत्र में आयोजन में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अनुमति पत्र की समस्त शर्तों के पालन करने के निर्देश हैं। आयोजन में शामिल होने वाला व्यक्ति जिला प्रशासन और पुलिस बल का पूरा सहयोग करेगा। आयोजन के मार्ग और स्थल पर कानून-व्यवस्था और शांति पूरी तरह से बनाए रखी जाएगी। निर्धारित स्थल पर ही वाहनों की पार्किंग की जाएगी। कोई भी व्यक्ति, जिसमें आयोजक भी शामिल है, जुलूस-सभा में कोई हथियार, नशीला पदार्थ या कोई अन्य खतरनाक पदार्थ नहीं ले जाएगा। आयोजन में नफरत फैलाने वाला भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाएगा। आयोजन के दौरान आम जनता की सुविधा के लिए यातायात और सुरक्षा नियमों का पालन किया जाएगा। पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी की जाएगी और रिकार्डिंग की एक प्रति, जुलूस-सभा के बाद दो दिनों की अवधि के भीतर संबंधित एसडीएम को प्रस्तुत की जाएगी।
इसी तरह आयोजन में लाउडस्पीकर आदि का प्रयोग जुलूस-सम्मेलन समय के दौरान प्रतिबंधित डेसिबल सीमा में किया जाएगा। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा। आयोजन में शामिल होने के लिए या बने रहने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जाएगा। अनुमति में दिए गए गए समय व स्थान पर आयोजन समाप्त किया जाएगा। आयोजन में शामिल होने वाली संख्या का कम से कम 5 प्रतिशत वालेंटियर रखेंगे, जो पुलिस व प्रशासन को व्यवस्था बनाने में सहयोग करेंगे। आयोजन में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए भोजन, पानी व चिकित्सा सुविधा आयोजन स्थल पर सुनिश्चित की जाएगी। आयोजन में किसी भी पशु-पक्षी का उपयोग नहीं किया जाएगा।
आयोजन में लाठी, डंडा, हथियार या आग्नेय अस्त्र किसी को भी रखने की अनुमति नहीं होगी। व्यवस्था में लगे पुलिस, प्रशासन या अन्य शासकीय अधिकारी से दुर्व्यवहार या काम में व्यवधान नहीं किया जाएगा। आयोजन के दौरान किसी भी सार्वजनिक, निजी संपत्ति को क्षति नहीं पहुंचायी जाएगी। उपरोक्त में से किसी भी कंडिका का उल्लंघन होता है तो आयोजन समिति एवं आवेदक लोग इसके लिए व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे तथा उनके विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। अनुमति प्राप्त नहीं होने पर आयोजनकर्ता उक्त आयोजन का आयोजन नहीं करेंगे। यदि किया जाता है तो आयोजक-आवेदक पर वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी।
आयोजन यदि किसी निजी (व्यक्ति या संस्था) की भूमि में होना है, तो अनुमति पत्र संलग्न करें। यदि इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग पारम्परिक मान्यता वाले शस्त्र, लाठी, तलवार, त्रिशूल, भाले, भालानुमा, झंडे इत्यादि का प्रयोग करने वाले हों तो उसका स्पष्ट उल्लेख करें। यदि इस कार्यक्रम में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जाना हो तो कितने वॉट का साउंड सिस्टम तथा कितने लाउडस्पीकर्स लगेंगे, उसका उल्लेख करना होगा।
यदि चलित बैंड, धुमाल, ढोल, डीजे जैसे वाद्यों का प्रयोग किया जाना हो तो उसका भी उल्लेख किया जाए। साथ ही साथ आयोजन में शामिल होने वाले प्रमुख 10 व्यक्तियों के नाम, पद, मोबाइल नंबर, पता सहित (यदि अलग-अलग संगठन शामिल हो तो सभी संगठनों के 10-10 प्रमुख के नाम) आदि निर्धारित आवेदन के प्रपत्र में स्पष्ट रूप से अंकित करना नियम के शर्तों में शामिल है। इसके साथ ही आवेदक को आयोजन की शर्तों के पालन के संबंध में तथा वैधानिक आदेश या कानूनी प्रावधान का उल्लंघन होने की दशा में जिम्मेदारी लेने के संबंध में शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।