बलौदाबाजार| छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार रोजगार निर्माण,जल संरक्षण सहित औसत सृजित मानव दिवस जैसे 17 प्रमुख बिंदुओं के आधार पर मनरेगा के क्रियान्वयन में जिला बलौदाबाजार- भाटापारा को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है।
छत्तीसगढ़ शासन के महात्मा गांधी नरेगा प्रकोष्ठ के द्वारा राज्य के 28 जिलो का 17 प्रमुख बिंदुओ के आधार पर वरियता सूची का निर्धारण किया गया था। जिसमे मुख्यतःपंजीकृत श्रमिको को रोजगार प्रदाय किया जाना,जल संरक्षण के कार्यो पर व्यय, कृषि एवं कृषि कार्य से संबंध संरचनाओ पर व्यय,समय पर मजदूरी भुगतान,समय पर कार्यो की स्वीकृति, प्रति परिवार औसत सृजित मानव दिवस,कार्य का पूर्णता का प्रतिशत, आंगनबाड़ी भवन निर्माण,निजी डबरी, सामुदायिक नवीन तालाब,कुंआ निर्माण आदि शामिल है।
कोरोना काल में लॉकडाउन के दरम्यान ग्रामीण स्तर पर रोजगार का प्रमुख साधन महात्मा गांधी नरेगा योजना था। सामाजिक दूरी का पालन करते हुए जिले मे प्रतिदिन औसतन 1 लाख 5 हजार से 1 लाख 10 हजार श्रमिक कार्यरत थे। जिसके कारण ग्राम पंचायतो में पंजीकृत श्रमिको को जो आमदनी प्राप्त हुई वह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।
लॉकडाउन के समय सभी प्रकार के कार्य बंद थे। परन्तु जिले के 2 लाख 19 हजार परिवारो के 4 लाख 98 हजार श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराया गया जो की कुल मानव दिवस का 72 प्रतिशत उपलब्धि रहा है। विभाग द्वारा राज्य स्तर की जारी सूची के आधार पर बलौदाबाजार -भाटापारा जिला दूसरा स्थान जबकि कांकेर जिला को प्रथम स्थान मिला है।
सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा के के साहू ने बताया कि जिले को यह उपलब्धि निर्धारित मानकों में पहली बार मिला है। कलेक्टर ने इस उपलब्धि हेतु महात्मा गांधी नरेगा के समस्त अधिकारी,कर्मचारी,रोजगार सहायक एवं ग्राम पंचायतो के सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधि को बधाई एवं धन्यवाद दिया है|
गौरतलब है कि हफ्ते भर के भीतर जिलें कि एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुआ। कुछ दिनों पूर्व शासकीय चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों के बेहतर उपचार क्रियान्वयन के लिए जिला बलौदाबाजार- भाटापारा का राज्य में सर्वोच्च रहा। यह पुरस्कार आयुष्मान प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना,डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत मिला था।