रायपुर | छत्तीसगढ़ सरकार ने आज शुक्रवार को राज्य के 22 लाख किसानों को खरीफ सीजन 2020-2021 के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 1500 करोड़ रुपये जमा किए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी छत्तीसगढ़ सरकार की बहुआयामी गोधन न्याय योजना के तहत 15 मार्च से 15 मई तक उपार्जित गोबर के भुगतान के रूप में सीधे ग्रामीणों और पशुपालकों के खातों में 7 करोड़ 17 लाख रुपये हस्तांतरित किए।
इसके अलावा, गौठान समितियों और महिला स्वयं सहायता समूहों को 3.6 करोड़ रुपये भी हस्तांतरित किए। हरेली पर्व के अवसर पर 20 जुलाई 2020 को शुरू की गई गोधन न्याय योजना के तहत अब तक राज्य के पशुपालकों और ग्रामीणों को कुल 88 करोड़ 15 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर संदेश भेज सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में किसानों को मिलने वाली राशि ‘बूस्टर’ का काम करेगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गांधी के विजन को साकार करने में सफल रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में जिस तरह न्याय की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया गया है, उससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर 21 मई, 2020 को राज्य में फसल उत्पादकता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, राज्य सरकार ने कृषि इनपुट सब्सिडी के रूप में चार किस्तों में लगभग 19 लाख किसानों (खरीफ सीजन 2019-20 में पंजीकृत) के बैंक खातों में 5628 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे।
मुख्यमंत्री ने 19 मई को हुई बैठक में किसानों के हित में कई अहम फैसले भी लिए निर्णय के तहत खरीफ वर्ष 2020-21 में किसानों से खरीदे गए धान पर 9,000 रुपये की प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।
सरकार ने वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर की खेती करने वाले किसानों को 9000 रुपये प्रति एकड़ के बजाय 10,000 रुपये प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी देने का भी फैसला किया है।