नई दिल्ली| राज्यसभा में आज भी विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई| इधर हंगामे के बीच फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया और नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया गया।
दूसरी बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम पुकारा।
वित्त मंत्री ने अभी उन्होंने विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया भी नहीं था कि एक बार फिर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सभापति के आसन के निकट पहुंच गए और नारेबाजी आरंभ कर दी।
हंगामे के बीच ही विधेयक पेश करते हुए सीतारमन ने कहा कि यह विधेयक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को लाभ मिलेगा। उन्होंने सदस्यों से इस विधेयक को पारित करने का आग्रह किया।
सदन में हंगामा जारी रहने की वजह से चर्चा में हिस्सा लेने वाले कुछ सदस्यों ने विधेयक पर अपने वक्तव्य को सदन के पटल पर रख दिया।
भारतीय जनता पार्टी के शिवप्रताप शुक्ल, तेलंगाना राष्ट्र समिति के के आर सुरेश रेड्डी, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबी दुरई और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य के रवींद्र कुमार ने विधेयक का समर्थन किया।
हंगामे के बीच ही सीतारमन ने इस संक्षिप्त चर्चा का जवाब दिया और महज 14 मिनट के भीतर विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया।
इस विधेयक के पारित होने के तत्काल बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया।
हालांकि इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा, उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
मौजूदा मानसून सत्र में अब तक राज्यसभा में एक भी दिन शून्यकाल नहीं हो पाया है।