नई दिल्ली | सोमवार को सहित सत्र के पहले ही दिन संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी विधेयक 2021 को पारित कर दिया गया। विपक्ष ने बिना चर्चा के विधेयक पारित करवाने को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया तो वहीं सरकार ने विपक्ष पर जानबूझकर हंगामा करने और सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया |
लोक सभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि “सरकार डर के कारण चर्चा से भाग गई । उन्होंने कहा कि विरोधी दल सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे थे । हम चाहते थे कि कृषि कानूनों की वापसी वाले विधेयक पर चर्चा हो ताकि हम एमएसपी पर, किसानों को मुआवजे पर और किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अपनी बात कह सकें, लेकिन सरकार ने बिना चर्चा के ही बिल को पारित करवा दिया।”
विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि ” बड़ा दिल दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने किसान संगठनो की मांग मान कर इसे वापस लेने का फैसला किया। विपक्ष भी तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहा था। हम उनकी भी बात मान कर कृषि कानूनों की वापसी का यह बिल लेकर आए थे। सरकार आज ही इसे लोक सभा और राज्य सभा से भी पारित करवा कर एक संदेश देना चाहती है। लेकिन विपक्ष ने इसे रोकने की कोशिश की और वो लगातार हंगामा करते रहे।”