रायपुर| छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज सत्र के दूसरे दिन पीएम आवास योजना के सवाल पर जोरदार हंगामा मचा | विपक्ष भाजपा भाजपा विधायकों ने गर्भगृह में उतरकर नारेबाजी शुरू की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह सहित 11 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन का प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, साल 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य तय किया था। इस लक्ष्य को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। 2019-20 के लक्ष्य में भी 300 करोड़ से अधिक का केंद्रांश बकाया है। वहीं राज्यांश के 700 करोड़ के लिए सरकार लोन लेने की कोशिश कर रही है।
इस जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने हंगामा किया, अजय चंद्राकर सहित कई भाजपा विधायकों ने इस जवाब पर आपत्ति की। उनका कहना था, सरकार रोज नई-नई घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन गरीबों का घर बनाने के लिए उसके पास पैसा नहीं है।
वहीँ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, केंद्र सरकार हमारे जायज हक का 20 हजार करोड़ रुपए जारी कर देती तो ऐसी नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा, लोन लेने की भी अपनी एक सीमा है। उसको पार नहीं किया जा सकता।
संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। मंत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है। बहस तीखी होती गई।
भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार पर गरीबों का छत छीनने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में उतर गए। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तय प्रक्रिया के तहत सभी को निलंबित घोषित कर दिया|
इधर बसपा के विधायक केशव चंद्रा ने कहा, जनता को इससे क्या मतलब कि पैसा कौन देगा। केंद्र सरकार देगी कि राज्य सरकार देगी। या फिर दोनों मिलकर देंगे। उनका घर बनना है। फंड की कमी के नाम पर उनका घर नहीं बन रहा है। जिन लोगों ने कर्ज लेकर घर बनवा लिया उनको बकाया किश्त नहीं मिल रही है। इसमें उनकी क्या गलती है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार से फंड की व्यवस्था करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और उसे वह पूरा करना चाहिए।