वैलेंटाइन डे: इस खास शादी में एसपी ने बजाया ढोल

दंतेवाडा पुलिस की पहल पर परिणय सूत्र बंधे समर्पित 14 नक्सली

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दंतेवाड़ा| दंतेवाडा पुलिस की पहल पर पहली बार 14 फरवरी वैलेंटाइन डे के दिन 14 आत्मसमर्पित नक्सली जोड़े विवाह के बंधन में बंधे| इस मौके पर पी ने खुद ढोल थाम बजाया |   शादी की खास बात ये है कि पुलिस परिवार और एसपी  बाराती बने और जमकर डांस किया|   मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत यह शादी जिला मुख्यालय के करली कैम्प में आयोजित की गई|

वैलेंटाइन डे के दिन लोन वर्राटू अभियान के तहत 14 जोड़ों को विवाह के लिये चयनित किया गया था| इससे पहले भी नक्सल पंथ छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हुए नक्सलियों की बस्तर संभाग के कई जिलों में शादी कराई जा चुकी है| लेकिन सामूहिक विवाह का आयोजन पहली बार हो रहा है|

सामूहिक विवाह में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और जवान शामिल हुये| विवाह में आदिवासी संस्कृति, पारंपरिकरीति रिवाजों के साथ सारी रस्में अता की गई.बकायदा बारात निकाली गई जिसमें पुलिस अधीक्षक और अन्य कर्मी बराती बने तो वहीं महिला पुलिस के सदस्य दुल्हन की सहेलियों की भूमिका निभाई| बकायदा पूरी रीति रिवाज से शादी हुई |

प्रत्येक जोड़े को दैनिक उपयोगी सामान आलमारी, पलंग, बर्तन, ड्रेसिंग टेबल के अलावा 10 हजार रुपये कैश दिया गया.एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि दंतेवाड़ा में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में पारंपरिक रीति रिवाज से शादियां हुई|

सरेंडर नक्सलियों ने कहा कि न तो नक्सल संगठन में रहकर धूमधाम से शादी कर पाते और न सरेंडर के बाद गांव जाकर सभी के बीच शादी कर सकते थे। कभी सोचा नहीं था इस तरह दे शादी होगी और अफसर हमारी शादी में शामिल होंगे।

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ये हैं जोड़े

सोमडू उर्फ नवीन वेट्टी संग जोगी माड़वी, चांदूराम सेठिया संग सोनमती, वासू उर्फ कोसा कोवासी संग सुको मंडावी, अजय कुमार मंडावी संग सरिता कश्यप, दुलगो मंडावी संग कुमली कश्यप, रतन मंडावी संग जानकी कश्यप, गुड्डू मरकाम संग भूमे कोडोपी, हिड़मा कुंजामी संग कमली मिडियामी, लखमू हेमला संग मुन्नी वेको, रमेश सोरी संग सरिता कुंजाम, बुधराम कोवासी संग रैमती बारसे, कमलेश उर्फ मोटू संग दशमी मंडावी, दिनेश उर्फ मनीराम अलामी संग रोशनी कश्यप।

बचपन का प्यार

मुस्केल गांव का रहने वाला रतन अब अपने बचपन के प्यार जानकी के साथ परिणय सूत्र में बंधेगा। रतन ने हथियार के साथ सरेंडर किया था। वह बताता है कि जानकी से बहुत प्यार करता है। बचपन से ही जब प्यार की शुरुआत हुई तो शादी की ठान रखी थी। इस बीच वह नक्सल संगठन में चला गया। अब जब सरेंडर किया तो दोनों ने घर बसाने की ठानी।

संगठन में रहते ही प्रेम हुआ
14 जोड़ों में से जोगी व सोमडू इकलौता जोड़ा है, जो हार्डकोर इनामी नक्सली रहा है। सोमडू ने नवम्बर 2020 को सरेंडर किया था, जबकि जोगी ने जनवरी 2021 को। सोमडू व जोगी बताते हैं संगठन में रहते वक़्त एक-दूसरे को जानते थे। प्रेम हुआ। बातचीत होती थी। सरेंडर के बाद प्यार और बढ़ गया। अब शादी होगी।

फोन पर बात और प्यार हुआ
सरेंडर नक्सली गुड्डू बताता है कि सरेंडर के बाद समेली की भूमे के संपर्क में आया। फोन पर बात शुरू हुई। दोनों ने तस्वीरें साझा की। दोनों ने प्यार का इजहार किया। भूमे को मिलने बुलाया और शादी की इच्छा जताई। भूमे ने हामी भर दी। गांव जाकर शादी करना सम्भव नहीं, क्योंकि नक्सली मार देंगे। अब शादी से हम खुश हैं।

 

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