देवभोग: मनरेगा पुल-पुलिया कामों में सरपंच-सचिवों की कांटा मारी
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के देवभोग ब्लाक में इंजीनियर एसडीओ द्वारा पंचायतों में मनरेगा के तहत पुल-पुलिया निर्माण नियमानुसार करने की चेतावनी के बाद भी सरपंच-सचिव कामों में अनियमितता बरत कांटा मारी कर रहे हैं , जिससे शासन को लाखों का नुकसान हो रहा हैं ।
देवभोग| छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के देवभोग ब्लाक में इंजीनियर एसडीओ द्वारा पंचायतों में मनरेगा के तहत पुल-पुलिया निर्माण नियमानुसार करने की चेतावनी के बाद भी सरपंच-सचिव कामों में अनियमितता बरत कांटा मारी कर रहे हैं , जिससे शासन को लाखों का नुकसान हो रहा हैं ।
ऐसे ही ग्राम पंचायत माहुलकोट में देखने को मिल रहा है जहां मनरेगा के तहत ऊपर पारा से अजीत के खेत के बीच करीब ढाई लाख की लागत से पुलिया स्वीकृत हुआ और काफी लेट लतीफ के बाद बनाया गया पुलिया ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है क्योंकि पुलिया के आगे पीछे मुरुमी की जगह गीली मिट्टी से फिलिंग किया गया है जिसके चलते लोगों का इस मार्ग से आवागमन मे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है |
इसके अलावा पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के प्रावधान अनुसार मटेरियल का इस्तेमाल नहीं होने का आरोप भी ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है |
पंचायत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी एस्टीमेट के अनुसार एक घमेला सीमेंट दो घमेला रेती और चार घमेला गिट्टी का मसाला बना कर पुलिया में इस्तेमाल करने का स्पष्ट आदेश है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है |}
ग्रामीणों की मानें तो कहीं रेती की मात्रा अधिक तो कहीं सीमेंट की मात्रा कम किए जाने से पुल-पुलिया धीरे-धीरे उखड़ रहे हैं । पानी की तराई में भी कोताई बरती गई है |
ग्रामीणों ने आने वाले दिनों में इस पुल पर दरार पड़ने की आशंका जताई है | गुणवत्ताहीन काम को लेकर ग्रामीणों ने पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ भी नाराजगी देखने को मिल रही है। ग्रामीणों ने जांच कर कार्यवाही की मांग प्रसाशन से की है |
मैं निरीक्षण करने जाऊंगा और अगर नियम विरुद्ध पुलिया का निर्माण किया गया है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी | – शिवकुमार नोरंग पीओ
साभार : रिपोर्ट और तस्वीर देवभोग से पत्रकार टीकम सिंग निषाद