छत्तीसगढ़: खाद की कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई – मुख्य सचिव
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कलेक्टरों को खाद की कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं | मुख्य सचिव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली।
रायपुर| छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कलेक्टरों को खाद की कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं | मुख्य सचिव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली।
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव ने मंत्रालय महानदी भवन से समस्त कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वन-कृषि-आदिवासी विकास-जल संसाधन और सहकारिता विभाग के अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक ली।
बैठक में मुख्य रूप से खाद की उपलब्धता एवं वितरण, बांधों में जल भराव की स्थिति और जल आबंटन, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्था के केन्द्र देवगुड़ी-घोटुल के उन्नयन, आजीविका केन्द्र के रूप में गौठानों का निर्माण, राजस्व प्रकरणों के निराकरण और राम वन गमन पथ के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गयी।
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि खाद की कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाए। जिलों में उपलब्ध सभी प्रकार की खाद का वितरण आवश्यकतानुसार किए जाए। समितियों से यह जानकारी एकत्रित की जाए कि उनके समिति क्षेत्र के किसानों को तत्काल में किस खाद की आवश्यकता है, उसके अनुसार खाद की आपूर्ति की व्यवस्था तत्काल कर दी जाए।
श्री जैन ने रायपुर एवं दुर्ग संभाग के किसानों के लिए जरूरत के हिसाब से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के बांधों में जल भराव की स्थिति को देखते हुए सिंचाई के लिए पानी समय-समय पर छोड़ा जाए।
राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्था के केन्द्र के रूप में स्थापित देवगुड़ी-घोटुल स्थल का उन्नयन किया जाना है। इसके लिए जरूरी अधोसंरचनाओं के निर्माण का प्रस्ताव 30 अगस्त तक राज्य शासन को भेजने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं।
श्री जैन ने आजीविका केन्द्र के रूप में गौठानों को सक्रिय करने के निर्देश दिए है। इसके लिए सभी कलेक्टर प्रत्येक ब्लॉक के एक गौठान को गोद लेंगे और स्वावलंबी-आदर्श गौठान के रूप में उसे स्थापित करेंगे।
इन गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण, चारागाह की व्यवस्था, स्व सहायता समूहों के लिए आय उपार्जक गतिविधियांे सहित अन्य मापदण्ड जो स्वावलंबी गौठान के लिए निर्धारित किए गए है, उनका क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिलों के राजस्व विभाग से संबंधित वेबसाइट को अद्यतन करने कहा है, ताकि आवश्यक जानकारियां वेबसाइट के माध्यम से लोगों तक पहुंच सके। कलेक्टरों को शहरी क्षेत्रों में शासकीय जमीन का चिन्हांकन करने और उन्हें सुरक्षित करने एवं गिरदावरी प्रक्रिया की नियमित निगरानी और समीक्षा करने कहा गया। मुख्य सचिव ने सभी राजस्व अधिकारियों को एक-एक गांव गोद लेकर गिरदावरी का काम सम्पन्न कराने के निर्देश दिए है।