गरीबी के कारण परिजनों ने बाल भवन में छोड़ा दिया था मासूम को, कनाडा के परिवार ने अपनाया
हिसार के बाल भवन में रह रही एक बच्ची की किश्मत चमक उठी है। डेढ़ साल की बच्ची को एक कनाडा की फैमिली ने अपना लिया है। सिरसा में पैदा हुई गुड़िया को उसके मां-बाप ने गरीबी के कारण 20 दिन बाद ही बाल भवन में छोड़ दिया था।
हिसार । हिसार के बाल भवन में रह रही एक बच्ची की किश्मत चमक उठी है। डेढ़ साल की बच्ची को एक कनाडा की फैमिली ने अपना लिया है। सिरसा में पैदा हुई गुड़िया को उसके मां-बाप ने गरीबी के कारण 20 दिन बाद ही बाल भवन में छोड़ दिया था।
अब बाल भवन ही उसका घर था और यहां के कर्मचारी ही उसके लिए माता-पिता थे। डेढ़ साल तक परिवार से दूर रहने के बाद गुड़िया को बहुत दूर से आये माता-पिता ने अपना लिया है।
डेढ़ साल की गुड़िया को कैनेडा की पीटर दम्पति ने गोद ले लिया है। गुड़िया के नए पिता कैनेडा में नौकरी करते हैं और नई मां फिजियोथेरेपिस्ट हैं। गुड़िया उनकी पहली और इकलौती सन्तान होगी। बच्ची के नाम के साथ भी अब पीटर सरनेम जुड़ गया है।
बाल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में सभी कागजात व पासपोर्ट के साथ गुड़िया को पीटर दम्पति को सौंप दिया गया। बच्ची को गोद लेने वाले उसके पिता ने बताया कि वह भारतीय कल्चर से काफी प्रभावित हैं। भारतीय लोग स्वभाव से काफी दयालु हैं इसी कारण से बच्ची को गोद लिया है।
यहां के लोगों के अनुशासन ने भी उनको काफी प्रभावित किया है। वह भारतीय संस्कृति से जुड़ने के लिए एक राह तलाश रहे थे जो बच्ची में उनको मिल गई है। दंपति ने कहा कि वह अपनी बच्ची को भी भारतीय संस्कृति सिखाने की पूरी कोशिश करेंगे। इसके इलावा वह इसका खाना भी शाकाहारी ही रखेंगे।
बच्ची को गोद लेने का प्रोसेस थोड़ा लम्बा व चैलेंजिंग है लेकिन खुशी है कि आखिरकार बच्चा उनको मिल गया। बच्ची करीबन डेढ़ साल पहले हिसार बाल भवन में पहुंची थी, तब उसकी उम्र सिर्फ एक महीना थी। हालांकि बच्ची को एक साल से गोद देने की प्रक्रिया चल रही थी लेकिन कोविड के कारण प्रोसेस आगे नहीं बढ़ पाया था।