नई दिल्ली| शुक्रवार को बजट सत्र की शुरूआत के साथ संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को अपने संबोधन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर तिरंगे के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया | उन्होंने लोगों से नियमों और कानूनों का पालन करने का आग्रह किया।
कोविंद ने कहा कि भारतीय संविधान जो नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया है और वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून एवं नियमों का भी उतनी ही गंभीरता से पालन किया जाना चाहिए।
कोविंद ने केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया, जिसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त हुआ था।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, हमारे लिए यह और भी गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं। संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है। यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।
उधर कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर संसद के बाहर अकाली दल के सांसदों का प्रदर्शन जारी है। वहीं कई राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है।