मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में CM हुए शामिल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। अब मछलीपालन के लिए भी कृषि जैसे ही सस्ती बिजली और बिना ब्याज के ऋण की सुविधा मिलेगी

0 63

- Advertisement -

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। अब मछलीपालन के लिए भी कृषि जैसे ही सस्ती बिजली और बिना ब्याज के ऋण की सुविधा मिलेगी। इससे मछलीपालन करने वालों को लाभ होगा और जो अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण मछलीपालन नहीं कर पाते थे, वे भी मछलीपालन कर आय का साधन जुटा सकेंगे और आगे बढ़ेंगे। अधिक से अधिक संख्या में मछुआ समुदाय के लोग भी इन प्रावधानों का लाभ उठाने के लिए आगे आएं।

मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेन्द्र ढीमर, सदस्य दिनेश फूटान, देव कुंवर निषाद, आर.एन. आदित्य, प्रभु मल्लाह, विजय ढीमर और श्रीमती अमृता निषाद, ने पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर. निषाद, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी और पूर्व विधायक दिलीप लहरिया भी उपस्थित थे।

- Advertisement -

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के नवनियुक्त उपाध्यक्ष और सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश में उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक हर जिले में जहां नदी, तालाब, नाले हैं, वहां मछुआ समुदाय के लोग हैं। आदिकाल से ही मछुआ समुदाय के लोग मछलीपालन और बाड़ियों में सब्जी पैदा कर भरण-पोषण करते आए हैं। मछलीपालन के लिए तालाब और बांध समिति बनाकर दिए जाते हैं।

कई बार मछुआ समुदाय के लोगों से जानकारी मिलती है कि मछलीपालन का काम उनके समाज के लोगों को नहीं मिल पाया है। या कई बार जब काम मिल भी जाता है तो समुदाय के लोग अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण मछलीपालन नहीं कर पाते हैं और मजबूरन उन्हें बड़े व्यापारियों की शरण में जाना पड़ता है।

मछुआ समुदाय के लोगों को ऐसे में मात्र मजदूरी ही मिल पाती है। अब मछलीपालन के लिए कृषि के जैसे सहायता मिलने से मछुआ समाज के लोग भी मछलीपालन का काम आसानी से कर सकेंगे और उन्हें भी इस व्यवसाय का भरपूर लाभ मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मछलीपालन की अच्छी संभावनाएं हैं। यहां नदियों, तालाबों और नालों की कमी नहीं है। यहां बारिश भी अच्छी होती है, इन अनुकूल परिस्थितियों के साथ-साथ अब राज्य शासन द्वारा मछलीपालन के लिए दी जा रही सहायता का लाभ उठाने के लिए मछुआ समुदाय के अधिक से अधिक लोग आगे आएं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.