पिथौरा इलाके में इस वर्ष खण्ड वर्षा, असिंचित खेत अब सूखने लगे
महासमुंद जिले के पिथौरा इलाके में इस वर्ष खण्ड वर्षा के कारण मात्र सिंचित भूमि पर ही खेती बाड़ी का काम चल रहा है।असिंचित अधिकांश खेत अब सूखने लगे हैं । कहीं-कहीं खेतों में दरार भी दिखाई देने लगी है। कृषकों के अनुसार तत्काल बारिश नही हुई तो पहले से पिछड़ चुकी खेती अब और भी पिछड़ जाएगी।
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महासमुंद | महासमुंद जिले के पिथौरा इलाके में इस वर्ष खण्ड वर्षा के कारण मात्र सिंचित भूमि पर ही खेती बाड़ी का काम चल रहा है।असिंचित अधिकांश खेत अब सूखने लगे हैं । कहीं-कहीं खेतों में दरार भी दिखाई देने लगी है। कृषकों के अनुसार तत्काल बारिश नही हुई तो पहले से पिछड़ चुकी खेती अब और भी पिछड़ जाएगी।
कृषि विभाग के अधिकारी डी पी पटेल के अनुसार क्षेत्र में खरीफ फसल के लिये कुल लक्ष्य लगभग 48 हजार हेक्टयर में से साढ़े 43 हजार हेक्टयर में बोनी का काम पूर्ण हो चुका है।जबकि रोपाई में 10 हजार हेक्टयर में से मात्र आधे में ही रोपाई हुई है।
इसके अलावा मक्का बोआई भी 40 हेक्टयर के लक्ष्य से आधा ही हो पाया है।जबकि उड़द एवम मूंग का सरकारी लक्ष्य 1310 हेक्टयर रखा गया है जबकि इसकी बोआई मात्र 180 हेक्टयर में ही हो सकी है।इसी तरह तिलहन दलहन मूंगफली भी 400 के लक्ष्य में से मात्र 145 हेक्टयर में ही बोनी पूर्ण हुई है।
इस वर्ष 30 फीसदी कम बारिश
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष विगत वर्ष हुई 345 एम एम बारिश की तुलना में उस वर्ष कोई 30 फीसदी कम 265 फीसदी बारिश ही रिकॉर्ड की गई है।बारिश नही होने और तेज धूप के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पस्ट देखी जा सकती है।
किसानों को सलाह
स्थानीय कृषि विभाग द्वारा वर्तमान में कम वर्षा के कारण पिछड़ती खेती किसानी में निरंतरता बनाये रखने के लिए किसानों को सुझाव दिए है कि किसान 17 फीसदी नमक घोल से बीज को उपचारित कर तैयार करे।इसके अलावा सरकार की योजनाओं को भी अमल में लाये।राजीवगांधी न्याय योजना का लाभ लेने के लिए धान के स्थान पर वृक्षारोपण करे।
अधिकतम दलहन तिलहन की खेती करे, इसमें सरकार द्वारा राजीव गांधी न्याय योजना के तहत 10 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाता है।इसके अलावा धान की खेती में 9 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है।शासन की प्रधान मंत्री कृषि बीमा योजना का लाभ भी किसानों को लेना चाहिए।
deshdigital के लिए पिथौरा से रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट