पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री
देहरादून में भाजपा विधायक दल की बैठक में दो बार विधायक रहे पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री चुने गए हैं। वे कल शपथ लेंगे | यह चुनाव केंद्रीय पर्यवेक्षकों - केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. पुरंदेश्वरी की उपस्थिति में हुआ था। बैठक में उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम भी मौजूद रहे।
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देहरादून में भाजपा विधायक दल की बैठक में दो बार विधायक रहे पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री चुने गए हैं। वे कल शपथ लेंगे | यह चुनाव केंद्रीय पर्यवेक्षकों – केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. पुरंदेश्वरी की उपस्थिति में हुआ था। बैठक में उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया को बताया कि विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल के नेता पद के लिए चुना गया। भाजपा विधायक दल के इस प्रस्ताव को लेकर राज्यपाल के पास गए और उनसे आग्रह किया कि वो हमारे नए नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। कल शपथ ग्रहण होगा|
विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल के नेता पद के लिए चुना गया। भाजपा विधायक दल के इस प्रस्ताव को लेकर राज्यपाल के पास गए और उनसे आग्रह किया कि वो हमारे नए नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। कल शपथ ग्रहण होगा: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर pic.twitter.com/epGcvdDzjE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2021
उधम सिंह नगर जिले के 45 वर्षीय खटीमा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने कई वर्षों तक आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी में विभिन्न पदों पर काम किया है। उन्होंने दो कार्यकालों के लिए उत्तराखंड में भाजपा युवा विंग के अध्यक्ष के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है।
तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। रावत गढ़वाल से लोकसभा सदस्य थे और नियमों के अनुसार, मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के छह महीने के भीतर एक निर्वाचित विधायक के रूप में शपथ लेने की आवश्यकता होती है।
रावत को अपने पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर से पहले राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित होना था, जो कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान के कारण नहीं हो सका, जिसमें कहा गया है कि यदि सदन के संबंध में बचा कार्यकाल होता है तो खाली सीट के लिए उपचुनाव नहीं हो सकते। इधर चुनाव आयोग ने भी कोविड महामारी के कारण कोई चुनाव नहीं कराने का फैसला किया है।