माओवादियों ने की सेक्रेटरी हरिभूषण और कमांडर भारतक्का की मौत की पुष्टि
माओवादियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रवक्ता जगन ने प्रेस नोट जारी कर हरिभूषण और भारतक्का के मौत की पुष्टि की है। 21 जून को स्टेट कमेटी सेक्रेटरी हरिभूषण और 22 जून को LOS कमांडर भारतक्का की मौत हुई है। प्रेस नोट के साथ माओवादी संगठन ने फोटो भी जारी किया है।
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माओवादियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रवक्ता जगन ने प्रेस नोट जारी कर हरिभूषण और भारतक्का के मौत की पुष्टि की है। 21 जून को स्टेट कमेटी सेक्रेटरी हरिभूषण और 22 जून को LOS कमांडर भारतक्का की मौत हुई है। प्रेस नोट के साथ माओवादी संगठन ने फोटो भी जारी किया है।
मौत की वजह कोरोना को बताया गया है। मौत के बाद की तस्वीरें भी जारी की हैं। इनकी मौत से संगठन को बड़ा नुकसान होने की बात कही जा रही है|
आईपीएस आर के विज ट्विट किया है हिंसा के एक अध्याय का अंत। हालांकि हरिभूषण तेलंगाना राज्य समिति के सचिव थे, लेकिन वे छत्तीसगढ़ के दक्षिण बीजापुर से काम करते थे। आशा है कि उनके कनिष्ठ कार्यकर्ताओं को आत्मसमर्पण करने और शांतिपूर्ण जीवन जीने की बुद्धि मिलेगी।
बता दें कल हीछत्तीसगढ़ की कवर्धा एस पी के सामने नक्सल कमांडर दिवाकर और लक्ष्मी ने आत्मसमर्पण कर दिया| कोंडागांव निवासी दिवाकर नक्सलियों की मध्यप्रदेश के कान्हा डिविज़न कमेटी का विस्तार प्लाटून कमांडर है| वहीँ लक्ष्मी दक्षिण बस्तर बीजापुर की निवासी है| इन दोनों पर मध्यपदेश और छत्तीसगढ़ सरकार ने इनाम रखा है|
नक्सल कमांडर दिवाकर और लक्ष्मी ने दस लाख रूपये नगद व चार सौ नग कारतूस के साथ कवर्धा एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण किया| इनकी निशानदेही पर पुलिस ने नक्सली सामग्री बरामद की है|
वहीँ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 6 लाख की इनामी महिला नक्सली शशिकला अतला ने समर्पण किया| गढ़चिरौली एस पी अंकित गोयल के मुताबिक शशिकला पर 20 मामले दर्ज हैं|
End of one chapter of violence. https://t.co/dEYtXaA73P
— RK Vij (@ipsvijrk) June 24, 2021
Though Haribhushan was secretary of the Telangana State Committee, he used to operate from south Bijapur of Chhattisgarh. Hope his junior cadres get wisdom to surrender and live a peaceful life. https://t.co/aJ5oVuI2jJ
— RK Vij (@ipsvijrk) June 24, 2021
इधर बस्तर आईजी ने बताया कि माओवादी संगठन में बहुत से नेता कोरोना से संक्रमित हैं। संगठन केवल शीर्ष नेताओं को ही बचाने की कवायद में जुटा है। पुलिस के अधिकारी लगातार आह्वाहन कर रहे हैं कि समर्पण कर दें तो बेहतर इलाज करवाया जाएगा।