कोरोना से मृत मरीजों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, हॉस्पिटल मैनेजर और दलाल गिरफ्तार
कोरोना में मर चुके मरीज के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला गुरुवार को उजागर हुआ है। मामले में दो लोग गिरफ्तार हुए हैं। एक फरार है। भागलपुर जिले के बरारी स्थित पल्स हॉस्पिटल में मर चुके कोरोना मरीज के नाम पर रेमडेसिविर का इंजेक्शन लेने पहुंचा दलाल गुरुवार की देर शाम गिरफ्तार हो गया।
पटना| कोरोना में मर चुके मरीज के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला गुरुवार को उजागर हुआ है। मामले में दो लोग गिरफ्तार हुए हैं। एक फरार है। भागलपुर जिले के बरारी स्थित पल्स हॉस्पिटल में मर चुके कोरोना मरीज के नाम पर रेमडेसिविर का इंजेक्शन लेने पहुंचा दलाल गुरुवार की देर शाम गिरफ्तार हो गया। इसके बाद ड्रग विभाग व कोतवाली पुलिस देर रात हॉस्पिटल छापेमारी करने पहुंच गयी।
हॉस्पिटल मैनेजर ने पूछताछ में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की बात स्वीकारी। कहा कि उसने ही पिंटू ठाकुर को रेमडेसिविर लेने के लिए भेजा था। इसके बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। एक अन्य दलाल फरार है। उसकी गिरफ्तारी को छापेमारी जारी है। एएसपी पूरन झा ने बताया कि एक व्यक्ति मृत के नाम की पर्ची पर इंजेक्शन ले रहा था। पूछताछ में उसने इसमें पल्स के स्टाफ की संलिप्तता की बात कही।
बरारी स्थित पल्स हॉस्पिटल में बांका निवासी कोरोना संक्रमित नागेंद्र प्रसाद भगत का इलाज चल रहा था। हॉस्पिटल की तरफ से रेमडेसिविर का तीन वॉयल इंजेक्शन लेने के लिए बांका जिले के भतकुंडी निवासी पिंटू ठाकुर गुरुवार की शाम छह बजे कोतवाली चौक के नजदीक मुकुल ट्रेडर्स गया था। इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर अनिल कुमार को सूचना मिली तो वे मुकुल ट्रेडर्स पहुंचे और पिंटू से पूछताछ शुरू की।
ड्रग इंस्पेक्टर को शक हुआ तो उसने पल्स हॉस्पिटल के मैनेजर राहुल राज से पूछा कि मरीज जिंदा है कि नहीं। मैनेजर ने बताया कि मरीज जिंदा है और उसका इलाज चल रहा है। जबकि मरीज के अटेंडेंट ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत गुरुवार को दोपहर बाद तीन बजे ही हो चुकी है। इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने एडीसी प्रदीप कुमार को सूचना और मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर दयानंद प्रसाद के साथ पहुंचे। इसके बाद एडीसी की सूचना पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने दलाल पिंटू ठाकुर को पकड़कर थाना लायी और उसे लॉकअप में डालकर पूछताछ करनी शुरू कर दी।
पूछताछ में पिंटू ठाकुर ने बताया कि वह न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विकास शर्मा के यहां बतौर वेंस (नस) टेक्नीशियन के रूप में काम करता है। पिंटू ठाकुर के मोबाइल के व्हाट्सएप चैट को भी ड्रग विभाग की टीम ने रिकवर कर लिया है, जिसमें एक आलम नामक शख्स ने पिंटू ठाकुर से चैट किया है कि पूछताछ हो रही है तो वहां से निकल लो। आलम का लोकेशन बरहपुरा दिखा रहा था।
जांच दल अपना काम कर रहीं है। जांच दल की रिपोर्ट में क्या आता है, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। किसी भी तरह का गैरकानूनी भंडारण और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त रवैया अपनाएगा।
मौत के बाद रेमडेसिविर का उठाव करना गैरकानूनी है। जांच में प्रथम दृष्ट्या गिरफ्तार्र ंपटू ठाकुर व पल्स हॉस्पिटल के मैनेजर राहुल राज व एक अन्य दलाल आलम की संलिप्तता मिली है। पल्स हॉस्पिटल के मैनेजर राहुल राज द्वारा दलाल को भेजे जाने की बात स्वीकार करने के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।