ट्रंप का बड़ा फैसला: गौतम अडानी पर लगे रिश्वत के आरोपों में मिली राहत

यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले आया है. अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, मोदी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

0 12
Wp Channel Join Now

नई दिल्ली| भारत के अरबपति गौतम अडानी को बड़ी राहत देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों द्वारा विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने पर रोक लगाने वाले कानून के प्रवर्तन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. सोमवार को हस्ताक्षरित एक कार्यकारी आदेश में, ट्रंप ने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) के प्रवर्तन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया. यह वही कानून है जिसके तहत उद्योगपति गौतम अडानी पर आरोप लगे थे.

यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले आया है. अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, मोदी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

जो बाइडेन प्रशासन के तहत, अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) ने अडानी पर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए थे, जिसमें रिन्यूएबल्स फर्म अज़्योर पावर ग्लोबल के एक पूर्व कार्यकारी को भी शामिल किया गया था. फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की अध्यक्षता मामले के परिणाम को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक होगी. अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

गौरतलब है कि अडानी ग्रुप ने पहले सभी आरोपों को निराधार बताया था. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने तर्क दिया है कि यह प्रतिबंध अमेरिकी फर्मों को नुकसान में डालता है. उन्होंने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट के तहत सभी कार्रवाइयों को रोकने का निर्देश दिया है जब तक कि नई कानूनी दिशा-निर्देश स्थापित नहीं हो जाते.

ट्रंप ने कहा, “कागज पर यह अच्छा लगता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से, यह एक आपदा है. इसका मतलब है कि अगर एक अमेरिकी किसी विदेशी देश में जाकर व्यापार करता है, कानूनी रूप से, वैध रूप से या अन्यथा, तो यह लगभग एक सुनिश्चित जांच और अभियोग होता है, और कोई भी अमेरिकियों के साथ व्यापार नहीं करना चाहता.”

उन्होंने यह भी कहा, “यह एक जिमी कार्टर की अवधारणा थी, और यह सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन यह बहुत बुरा है. यह देश को नुकसान पहुंचाता है और कई, कई सौदे नहीं हो पाते क्योंकि कोई भी व्यापार नहीं करना चाहता.”

Leave A Reply

Your email address will not be published.