जेल में डालकर हौसला तोड़ने की कोशिश की गई: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि जेल में डालकर उनका हौसला तोड़ने की कोशिश की गई लेकिन वह और ताक़त के साथ बाहर आये हैं।
नई दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि जेल में डालकर उनका हौसला तोड़ने की कोशिश की गई लेकिन वह और ताक़त के साथ बाहर आये हैं.
श्री केजरीवाल ने तिहाड़ से निकालने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए आज कहा,” मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया. ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था.”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने आज सशर्त जमानत दे दी. अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल के 3 नंबर बैरक से शुक्रवार शाम को रिहा हो गए. जेल के बाहर बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने अरविंद केजरीवाल का स्वागत किया. केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी तिहाड़ जेल पहुंच कर केजरीवाल का स्वागत किया.
अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी और वह 2 जून को सरेंडर करने के बाद से जेल में हैं.
क्या है शर्त
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि वह अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं. किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं, जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए बिल्कुल आवश्यक न हो.
सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत देते हुए ‘जमानत नियम और जेल अपवाद’ के सिद्धांत को दोहराया और कहा ‘एक दिन के लिए भी स्वतंत्रता से वंचित करना बहुत ज्यादा है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि जमानत देने की विधायी नीति तब विफल हो जाएगी, जब उचित समय पर मुकदमे के निपटारे की कोई संभावना नहीं होगी. इन टिप्पणियों के साथ पीठ ने श्री केजरीवाल को एकमत से जमानत तो दे दी, लेकिन अलग-अलग फैसले लिखे.