ED का छापा: ओडिशा में पूर्व विधायक के ठिकानों से 133 करोड़ जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ओडिशा के चंपुआ के  पूर्व विधायक जितेंद्र नाथ पटनायक के कई ठिकानों पर गुरुवार को कई ठिकानों पर छापा मरकर  70 लाख रुपये नकद और 133.17 करोड़ की फिक्स डिपॉजिट जब्त की है।

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भुवनेश्वर| प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ओडिशा के चंपुआ के  पूर्व विधायक जितेंद्र नाथ पटनायक के कई ठिकानों पर गुरुवार को कई ठिकानों पर छापा मरकर  70 लाख रुपये नकद और 133.17 करोड़ की फिक्स डिपॉजिट जब्त की है। इसके अलावा  जांच से जुडे अहम दस्तावेज और डिजिटल एविंडेस भी जमा किये है|

मीडिया रिपोर्ट के   ओडिशा की विजिलेंस टीम ने पटनायक के खिलाफ नवंबर 2009 में अवैध खनन   का मामला दर्ज किया था| जिसमें आरोप था कि जितेंद्र नाथ पटनायक ने साल 1999 से 2009 के दौरान अवैध खनन किया है जिससे सरकार को कुल 130 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ|  मामले की जांच के बाद ओडिशा विजिलेंस टीम ने 2013 में चार्जशीट भी दाखिल की थी जिस पर ED ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी|

बताया गया कि ओडिशा विजिलेंस  ने 13 साल पहले जिंतेद्र नाथ पटनायक समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसमें से एक आरोपी की मौत हो चुकी है|

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FIR के मुताबिक पूर्व विधायक के पिता बंसीधर पटनायक के पास ओडिशा में मैगनीशियम और लोहे की खदान से खनन का लाइसेंस था. जो उन्हें 20 और 30 साल के लिये साल वर्ष 1959 में दिया गया था|  वर्ष 1967 में जितेंद्र नाथ पटनायक के पिता बंसीधर पटनायक ने मैगनिशियम की खनन की लीज छोड़ दी जो 20 सालों के लिये थी लेकिन लोहे की खनन की लीज जारी रखी|

लीज का समय खत्म होने से पहले ही जितेंद्र नाथ पटनायक ने अपने पिता की तरफ से लीज फिर से देने के लिये आवेदन किया लेकिन तभी साल 1995 में उनके पिता बंसीधर की मौत हो गई|

आरोप है कि जितेंद्रनाथ पटनायक ने लीज बढ़वाने के लिये अपने पिता की जो वसीयत (Will) दी और खनन के लिये फिर से 20 साल की मंजूरी लेने के लिये जो आवेदन किया वो नियमों के खिलाफ था|  उनके द्वारा पिता की ओर से दाखिल गिए गए वसीयतनामे को भी कोर्ट ने फर्जी बताया था|

 

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