गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक के लिए केंद्र को अनुशंसा, 214.869 हेक्टेयर वनभूमि प्रभावित

राज्य सरकार द्वारा रायगढ़ वन मंडल के गारे पेलमा सेक्टर-2 खुली कोयला खदान उत्खनन परियोजना के वन भूमि व्यपवर्तन की स्वीकृति के लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अनुशंसा पत्र भेजा गया है।

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रायपुर| राज्य सरकार द्वारा रायगढ़ वन मंडल के गारे पेलमा सेक्टर-2 खुली कोयला खदान उत्खनन परियोजना के वन भूमि व्यपवर्तन की स्वीकृति के लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अनुशंसा पत्र भेजा गया है।

यह पत्र छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड गारे पेलमा कोल माईन्स सेक्टर-2 विद्युत भवन, कटोल रोड नागपुर से प्राप्त आवेदन पर सभी औपचारिकताएं तथा निर्धारित 44 बिन्दुओं की शर्तों व विवरणों को पूर्ण कर भेजा गया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से गत दिवस 18 अप्रैल को उनके निवास कार्यालय में महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने मुलाकात कर इस संबंध में आवश्यक चर्चा की थी। जिसमें मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महाराष्ट्र की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक के क्लीयरेंस के लिए नियमानुसार यथासंभव जल्द मदद करने का आश्वासन दिया था।

रायगढ़ जिले में स्थित यह कोल ब्लॉक महाराष्ट्र की विद्युत कंपनी (महाजेनको) को आबंटित है। महाराष्ट्र में विद्युत उत्पादन के लिए कोयला की आपूर्ति इस कोल ब्लॉक से की जानी है, जिससे भविष्य में कोयले की आपूर्ति की निरंतरता बनी रहे।

इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल से महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने उक्त कोल ब्लॉक से संबंधित सभी औपचारिकताओं को जल्द पूर्ण कराने का आग्रह करते हुए कोल ब्लॉक के लिए वन व्यपवर्तन और राज्य शासन की अनुसंशा का अनुरोध भी किया था।

महाराष्ट्र को गारे पेलमा-2 कोल ब्लाक के लिए नियमानुसार क्लियरेंस : भूपेश बघेल

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उक्त प्रकरण में आवेदनकर्ता मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड गारे पेलमा कोल माईन्स सेक्टर-2 विद्युत भवन, कटोल रोड नागपुर द्वारा व्यपवर्तन हेतु 214.869 हेक्टेयर वनभूमि का विवरण दर्शाया गया है, जो आवेदक संस्थान तथा वन मंडलाधिकारी रायगढ़ द्वारा हस्ताक्षरित है।

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उक्त परियोजना की कुल लागत 300 लाख करोड़ रूपए है। इसमें वन मंडलाधिकारी रायगढ़ द्वारा प्रस्ताव को परीक्षण उपरांत स्वीकृति योग्य माना गया है तथा उल्लेख किया गया है कि दूसरे सभी विकल्पों का परीक्षण कर लिया गया है और आवेदित वन भूमि न्यूनतम है।

आवेदित वन क्षेत्र के एवज में समतुल्य निजी भूमि ग्राम चक्रधरपुर, नटवरपुर तथा धुमाबहाल में 214.869 हेक्टेयर में क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण की राशि जमा करने हेतु आवेदक संस्थान द्वारा आवश्यक शर्तें की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। इसके तहत स्थल विशेष वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु रायगढ़ वन मंडल के ग्राम चक्रधरपुर के निजी भूमि 115.207 हेक्टेयर, ग्राम नटवरपुर में 95.483 हेक्टेयर और ग्राम बंगुरसिया में 4.248 हेक्टेयर कुल 214.938 हेक्टेयर रकबा प्रस्तावित है।

स्थलवार 10 वर्षीय क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण योजना तैयार की गई है। इसमें वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन नहीं किया गया है। इस आशय का संयुक्त प्रतिवेदन वन मंडलाधिकारी रायगढ़ तथा आवेदक संस्थान द्वारा दिया गया है।

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