ओडिशा के प्रख्यात संगीतकार, गायक, गीतकार और लेखक प्रफुल्ल कर का निधन

ओडिशा के प्रख्यात संगीतकार, गायक, गीतकार और लेखक प्रफुल्ल कर का रविवार देर रात निधन हो गया |   83 वर्ष के  प्रफुल्ल कर काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे | उन्होंने  भुवनेश्वर के सत्यनगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।

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भुवनेश्वर| ओडिशा के प्रख्यात संगीतकार, गायक, गीतकार और लेखक प्रफुल्ल कर का रविवार देर रात निधन हो गया |   83 वर्ष के  प्रफुल्ल कर काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे | उन्होंने  भुवनेश्वर के सत्यनगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। अंतिम संस्कार आज सोमवार को पुरी स्वर्ग द्वार में किया जाएगा।

वर्ष 1939 में जन्मे, प्रफुल्ल कर ने  अपने दशकों लंबे शानदार करियर में अपने जादुई स्वर और संगीत का  जादू बिखेरा था। ओडिया संगीत उद्योग को एक नई पहचान देने में अग्रणी माने जाने वाले कर को लगभग 70 हिट ओडिया फिल्मों को आवाज देने और कई संगीत प्रस्तुतियों का निर्माण करने का श्रेय दिया जाता है।

उन्हें 2015 में कला और संगीत के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

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वर्ष  2004 में उन्हें ओडिशा का शीर्ष पुरस्कार जयदेव पुरस्कार  दिया गया था जो ओडिशा  सिनेमा के विकास और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए एक व्यक्तित्व को दिया जाता है | उन्होंने  आठ बार ओडिशा राज्य फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक से सम्मानित होने का  गौरव हासिल किया था |

प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया ‘कालिया मो देहे बोली दे तो दे काला’ हो या चित्त जेना का ‘मो प्रिया थारू की’, कर की शानदार संगीत रचनाएं पीढ़ियों से लाखों संगीत प्रेमियों को आकर्षित करती रहेंगी।

संगीत के इस दिग्गज को समाज के सभी वर्गों ने श्रद्धांजलि दी है |  वयोवृद्ध संगीतकार के निधन पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय पांडा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भुवनेश्वर की मेयर सुलोचना दास, सिने उद्योग की जानी-मानी हस्तियों, संगीतकारों और सभी क्षेत्रों के लोगों ने शोक व्यक्त किया। ।

पीएम मोदी ने प्रख्यात संगीतकार के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा, “उड़िया संगीत और संस्कृति में उनका अनूठा योगदान उन्हें यादगार बना देगा।”

 

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