छत्तीसगढ़ के PSA संयंत्रों पर मीडिया रिपोर्ट गलत और भ्रामक-स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों को गलत और भ्रामक बताया है जिसमें पीएमकेयर्स के माध्यम से छत्तीसगढ़ में स्थापित PSA संयंत्रों का उचित रखरखाव नहीं किये जाने का दावा किया गया है | मंत्रालय ने इस दावे को तथ्यों पर आधारित नहीं होना बताया है|
नई दिल्ली | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों को गलत और भ्रामक बताया है जिसमें पीएमकेयर्स के माध्यम से छत्तीसगढ़ में स्थापित PSA संयंत्रों का उचित रखरखाव नहीं किये जाने का दावा किया गया है | मंत्रालय ने इस दावे को तथ्यों पर आधारित नहीं होना बताया है|
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि इन संयंत्रों का ठीक ढंग से संचालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा करता रहता है|
जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पीएम केयर्स फंड के माध्यम से स्थापित PSA संयंत्रों का ठीक तरह से रखरखाव नहीं किया जा रहा है। इस तरह की मीडिया रिपोर्ट भ्रामक और गलत हैं।
यह स्पष्ट किया जाता है कि छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न स्रोतों से 122 PSA संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 49 संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत स्थापित और चालू कर दिया गया है।
PSA संयंत्र के 1000 घंटे चलने के बाद पीएसए संयंत्रों में चिकित्सा स्तर की ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए अवशोषक खनिज सामग्री (जिओलाइट) को बदलने की जरूरत होती है।
उद्योग के नियमों के अनुसार जिओलाइट के उपयोग की अवधि 3-5 साल होती है और इसके बाद ही बदला जाना चाहिए। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भी नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा कर रहा है और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से बार-बार आग्रह किया गया है कि वे अपने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से स्थापित किए जा रहे PSA संयंत्रों को लगाकर उसे चालू करें।
इन सभी पीएम केयर्स संयंत्रों की मानक वारंटी है, जैसे डीआरडीओ से प्राप्त संयंत्रों के लिए 1 साल की वारंटी, एचएलएल इन्फ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड (एचआईटीईएस) के लिए 5 साल और सेंट्रल मेडिकल सर्विसेज सोसाइटी (सीएमएसएस) के लिए 10 साल की मानक वारंटी है।
एमओएचएफडब्लू साप्ताहिक समीक्षा के अनुसार, 49 में से 13 संयंत्रसाइट और वेंडर से जुड़े मामलों के कारण फिलहाल नहीं चल रहे हैं, जिसे पहले ही राज्यों/एजेंसियों के साथ साझा किया जा चुका है।