लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा अब 21 बरस
केंद्र सरकार (Central Government) ने मौजूदा कानूनों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 18 से बढ़ाकर 21 बरस करके संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है|
नई दिल्ली | केंद्र सरकार (Central Government) ने मौजूदा कानूनों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 18 से बढ़ाकर 21 बरस करके संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में बेटियों की शादी की उम्र 21 साल करने का उल्लेख किया था|
मौजूदा कानून सके मुताबिक, देश में पुरुषों की शादी 21 साल की उम्र में हो सकती हैं, वहीं लड़कियों की शादी 18 साल है|
मीडिया रिपोर्ट का मुताबिक कैबिनेट में मिली मंजूरी के बाद सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 (The Prohibition of Child Marriage Act, 2006 ), विशेष मैरिज एक्ट (Special Marriage Act, 1954) और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (The Hindu Marriage Act, 1955) जैसी एक्ट में संशोधन किया गया है|
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सरकार मैटरनल मोर्टेलिटी रेट में कमी लाना चाहती है| कहा जा रहा कि लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र में करने से उनकी अपनी पढ़ाई और डेवलपमेंट का भी मौका मिलेगा.
महिलाओं को सशक्त बनाने गठि टास्क फोर्स ने साल 2020 में शादी की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी|
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार समता पार्टी की पूर्व सदस्य और टास्क फोर्स की प्रमुख जया जेटली ने इसकी सिफारिश की थी| साथ ही टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में लड़कियों के मां बनने की उम्र सीमा और महिलाओं से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी अपनी सिफ़ारिश दी थी|
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आजकल वैसे भी ग्रेजुएशन करते-करते 21 साल हो जाता है| पोस्ट ग्रेजुएशन करते-करते 24 से 25 वर्ष की उम्र हो जाती है| लड़कियों की शादी भी आजकल 25 से 30 वर्ष की उम्र में हो रही है, लेकिन दूसरे और भी लोग हैं, जिनका ध्यान रखना चाहिए| ऐसे में बहुत से माता-पिता भ्रम के शिकंजे में भी आ सकते हैं| सामाजिक लोगों के साथ ही सलाह मशवरा करके ऐसे फैसले करने चाहिए|