धान उठाव नहीं, साल भर में 524 करोड़ का नुकसान
छत्तीसगढ़ में धान उठाव नहीं होने से साल भर में 524 करोड़ का नुकसान हुआ है | खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज पूरक प्रश्न के जवाब में सदन को यह जानकरी दी | इस जवाब से असहमत विपक्ष भाजपा ने खूब हंगामा किया |
रायपुर| छत्तीसगढ़ में धान उठाव नहीं होने से साल भर में 524 करोड़ का नुकसान हुआ है | खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज पूरक प्रश्न के जवाब में सदन को यह जानकरी दी | इस जवाब से असहमत विपक्ष भाजपा ने खूब हंगामा किया |
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज धान उठाव और परिवहन को लेकर जमकर हंगामा मचा | पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के पूरक प्रश्न के जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जब धान उठाव नहीं होने से साल भर में 524 करोड़ का नुकसान होने की जानकारी दी तो इससे असहमत रमन सिंह ने गलत जानकारी देने की बात कहते हुए इससे 900 करोड़ नुकसान होना कहा |
इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने टिप्पणी कर दी जिससे नाराज विपक्ष माफ़ी मांगने पर अड़ गया | नाराज विपक्ष गर्भगृह में पहुंच गया। इससे सभी रमन समेत सभी विधायक स्वयमेव निलंबित हो गए।
इस पर अमरजीत ने रमन सिंह पर एक टिप्पणी कर दिया। हालांकि, स्पीकर ने इस टिप्पणी को विलोपित कर दिया मगर विपक्ष माफी मांगने पर अड़ गया। नाराज विपक्ष गर्भगृह में पहुंच गया। इससे सभी रमन समेत सभी विधायक स्वयमेव निलंबित हो गए।
दो मिनट बाद स्पीकर ने निलंबन समाप्त करने की घोषणा की। इसके बाद विपक्ष सदन में लौट आया|
इधर भाजपा के वरिष्ट नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ऐलान किया कि प्रश्नकाल में अमरजीत भगत से अब कोई सवाल नहीं करेंगे।
चिटफंड पर शोर-शराबा
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी विधानसभा में शोर-शराबा हुआ।
रेणु जोगी के प्रश्न पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जब जवाब दिया कि सहारा इंडिया पर सरकार का कोई वित्तीय नियंत्रण नहीं है। इसके बाद पूरक प्रश्न पर काफी शोर-शराबा हुआ।
अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा और उसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर आरोप लगाया कि घोषणा पत्र पर अमल नहीं किया जा रहा। जबकि, सरकार ने कहा था कि चिटफंड कंपनियों से पैसा वसूल कर निवेशकों को वापस दिलाया जाएगा।
धरमलाल कौशिक ने कहा कि राजनांदगांव में जब जिला प्रशासन कंपनियों की जमीन नीलामी करके निवेशकों का पैसा दिलाया जा सकता है तो बाकी जिलों में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता। गृह मंत्री ने सदन को भरोसा दिया कि जांच के बाद कार्रवाई की जा रही है।