छत्तीसगढ़ : भोरमदेव अभ्यारण में इठलाती ऑरेंज ऑकलीफ बनी राष्ट्रीय तितली
छत्तीसगढ़ की मैकल पर्वत माला श्रृंखला के भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण में इठलाती तितली ऑरेंज ऑकलीफ अब राष्ट्रीय तितली बन गई है | वन विभाग ने इसके संरक्षण व संवर्धन के लिए प्लान तैयार कर लिया है।
छत्तीसगढ़ की मैकल पर्वत माला श्रृंखला के भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण में इठलाती तितली ऑरेंज ऑकलीफ अब राष्ट्रीय तितली बन गई है | वन विभाग ने इसके संरक्षण व संवर्धन के लिए प्लान तैयार कर लिया है। जंगल के जिस हिस्से में इनकी बहुतायत है, उस हिस्से को तितली पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।
बता दें पिछले वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान सितंबर-अक्टूबर में भारत में पाई जाने वाली लगभग 1500 प्रकार की तितलियों में से 7 प्रजातियों को राष्ट्रीय तितली बनने की रेस में शामिल किया गया था। इसे चुनने ऑनलाइन वोटिंग के जरिए फैसला किया गया। इसमें ऑरेंज ऑकलीफ (केलिमा इनेकस) नाम की तितली जो भोरमदेव अभ्यारण में मिली उसे देश की राष्ट्रीय तितली बनाया गया। भारत में वेस्टर्न घाट और उत्तर-पूर्व के जंगलों में पाई जाने वाली इस तितली को इंडियन ऑकलीफ और डेडलीफ के नाम से भी जाना जाता है।
बता दें भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण तितलियों की विभिन्न दुर्लभ और विलुप्त प्रजातियों के बसेरा के लिए देश में मशहूर है। इस अभ्यारण्य में खोज के दौरान भारत देश में विलुप्त हो रही तितलियों की दुर्लभ प्रजाति “स्पॉटेड एंगल” को भी देखा जा चुका है |
इस अभ्यारण में लगभग 90 से अधिक प्रजाति की तितलियों को देखा जा सकता है। इनमें से ओरिएंटल चेस्टनट एंजल, एंगेल्ड पैरोट, कॉमन गल, कॉमन मॉर्मोन, चॉकलेट पेंसी, स्टाफ सार्जेंट, स्पॉटेड एंगल, कॉमन कैस्टर, कॉमन लेपर्ड, कॉमन वंडर्र, कॉमन जे, ब्लू मार्मोन, डेंगी बुश ब्राउन, ग्रेप पेनसी प्रमुख हैं।
DFO दिलराज प्रभाकर बताते हैं कि भोरमदेव अभयारण्य में इन तितलियों का बसेरा लगभग 6 से 7 एकड़ के घने वन क्षेत्र में है। इसमें लगभग 3 एकड़ तक और एरिया बढ़ाकर इन तितलियों के संरक्षण की दिशा में काम किया जाएगा। तितलियों को अनुकूल माहौल मिलेगा |
लगभग 90 से अधिक प्रजाति की तितलियों का बसेरा
मैकल पर्वत माला श्रृंखला के मध्य 352 वर्ग किलोमीटर में फैले भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण अनेक वन्यजीवों, पक्षियों, सरीसृपों तथा दुर्लभ वनस्पतियों का प्राकृतिक आवास है जो कि अभ्यारण में एक समृद्ध जैव विविधता का निर्माण करते हैं। विभिन्न वन्य प्राणियों एवं अनगिनत दुर्लभ वनस्पतियों के साथ भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण रंग बिरंगी तितलियों का भी प्राकृतिक आवास है।
दुनिया में लगभग 2 लाख 50 हजार से अधिक प्रजातियां
तितलियां पृथ्वी की जैव विविधता की सबसे विशिष्ट प्रजातियों में से एक हैं। माना जाता है कि इनका अस्तित्व पृथ्वी पर लगभग 5 करोड वर्ष पहले से या उससे भी पहले से है। विश्व में तितलियों और पतंगों की लगभग 2 लाख 50 हजार से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं जो कि अब तक की ज्ञात प्रजातियों में से एक चौथाई के बराबर है। (deshdesk)