मप्र में छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा : शिवराज
भोपाल| मध्य प्रदेश में कक्षा छठवीं से छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के 13 लाख 80 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के खाते में सिंगल क्लिक से 326 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि समेकित छात्रवृत्ति योजना के तहत अंतरित करते हुए कहा है कि, “प्रदेश में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठवीं से व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक है। प्रदेश में 20 से 25 किलोमीटर की परिधि में सी.एम.राइज स्कूल आरंभ किये जाएंगे, जिनमें प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेल मैदान पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की व्यवस्था होगी। आस-पास के क्षेत्रों से विद्यार्थियों को लाने-ले-जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की जाएगी।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार शिक्षा के उद्देश्य हैं। इससे हम पीढ़ियों से संचित ज्ञान परम्परा से लाभान्वित होते हैं। कौशल हमें आजीविका के प्रबंधन के योग्य बनाता है और नागरिकता के संस्कार से ईमानदारी, परिश्रम, कत्र्तव्य निष्ठा, चारित्रिक बल तथा देशभक्ति के गुण विकसित होते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता के लिए संकल्पित होकर लक्ष्य तय कर परिश्रम आवश्यक है। परीक्षा में उत्साह से भरे रहें पर तनाव न पालें।