दलालों का कारोबार शुरू ,यूपी ईंट भट्ठा ले जा रहे पिथौरा इलाके के 130 मजदूरों को पटेवा पुलिस ने रोका

छत्तीसगढ़ से दीगर प्रांतों में दलालों द्वारा ले जाये जा रहे पिथौरा इलाके के  कोई 130 मजदूरों को पटेवा पुलिस ने रोकने में सफलता प्राप्त की है।पुलिस मामले को श्रम विभाग को सौंपने की बात कह रही है जबकि स्थानीय विधायक पलायन के उक्त मामले में कहा कि सभी मजदूरों को उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभावित करने ले जाये जाने की संभावना है

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deshdigital के लिए पिथौरा से रजिंदर खनूजा

पिथौरा| छत्तीसगढ़ से दीगर प्रांतों में दलालों द्वारा ले जाये जा रहे पिथौरा इलाके के  कोई 130 मजदूरों को पटेवा पुलिस ने रोकने में सफलता प्राप्त की है।पुलिस मामले को श्रम विभाग को सौंपने की बात कह रही है जबकि स्थानीय विधायक पलायन के उक्त मामले में कहा कि सभी मजदूरों को उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभावित करने ले जाये जाने की आशंका  है| अब देखना होगा कि पुलिस पूर्व की तरह दलालों का सहयोग करती है या कोई बड़ी वैधानिक कार्यवाही करेगी।

ज्ञात हो बीती रात एक शिकायत के बाद उत्तर प्रदेश की बस U P J T 39 में कुल 130 स्थानीय मजदूरों को उत्तरप्रदेश के ईंट भट्ठे में ले जाते पटेवा पुलिस ने पकड़ा है।कुछ मजदूरों ने उन्हें पिथौरा के दो भट्ठा दलालों द्वारा ले जाने की बात बताई।

वही आश्चर्यजनक पहलू यह है कि इन लाचार मजदूरों को यह भी नही पता कि उन्हें उत्तर प्रदेश के किस शहर के किस भट्ठा में छोड़ा जाएगा।इन मजदूरों को मवेशियों की तरह बस में लादकर ज्यादा कमीशन देने वाले ईंट भट्ठा मालिक के अधीन छोड़ दिया जाएगा।मजदूरों के बयान से इस बात का अंदाज़ आसानी से लगाया जा सकता है कि मजदूरों को किसी मवेशी की तरह बेचा जाता है।

ज्ञात हो कि शासन द्वारा पलायन रोकने प्रतिवर्ष कठोर कानून सहित इसके लिए श्रम विभाग के साथ पुलिस राजस्व विभाग एवम स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाता है।परन्तु आर्थिक चकाचौन्ध से किसी भी सम्बंधित विभाग को पलायन तभी दिखता है जब कोई महत्वपूर्ण हस्ती इसकी सूचना देती है।अन्यथा किसी अन्य माध्यम से सूचना मिलने पर भी विभाग इनसे काफी दूर ही रहता है।जिससे पलायन कराए जाने वाले मजदूर भेड़ बकरी की तरह लद कर अपने गंतव्य तक आसानी से पहुच जाते है।

हजार ईंट में 450 कमीशन
मजदूरों को पलायन कराने का काम अब एक उद्योग की तरह बन गया है।भट्ठों से मजदूरों के लिए एडवांस पहुचाने आने वाले कुछ भट्ठा से सम्बन्धित बताते है कि अब ईंट भट्ठों में एक हजार ईंट बनाने की मजदूरी 1000 से 1250 तक दी जा रही है।ये राशि भट्ठा मालिको द्वारा दलालों से हिसाब में दी जाती है।परन्तु दलाल मजदूरों को प्रति हजार ईंट निर्माण हेतु मजदूरी 550 से 600 तक ही देकर हिसाब करते है।इसमें भी मजदूरों को भट्ठा के करीब बनी झोपड़ी का किराया ,कच्ची खाद्य सामग्री सहित किराया भाड़ा भी काट कर हिसाब किया जाता है।

एक मजदूर ने प्रताड़ना से बचने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि उनको प्रतिवर्ष जाना ही पड़ता है।क्योंकि वे वापसी के दौरान भट्ठा में हिसाब के बाद चंद रुपयों के साथ वापस घर आते है।परन्तु घर आते ही उन्हें घर की मरम्मत एवम अन्य आवश्यक कार्यो के लिए रुपयों की जरूरत होती है जिसे पूरा करने वे फिर से मजबूरी में भट्ठा दलाल के पास जाते है और 10 से 50 हजार तक उधार ले आते है और अपना काम चलाते है।

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10 का ब्याज 20 हजार
भट्ठा जाने वाले मजदूरों की आपबीती रोंगटे खड़े कर देने वाली है।भट्ठा दलालों द्वारा मजदूरों को दी जाने वाली प्रताड़ना तालिबान स्टाइल में होती है।मजदूर ने बताया कि यदि किसी मजदूर ने दलाल से 10 हजार लिए है तब तो उसे हर हालत में सपरिवार मजदूरी करने जाना ही पड़ेगा अन्यथा उससे 10 का 30 हजार देने की मांग की जाएगी।यदि फिर भो मजदूर तैयार नही होते तब उन्हें अन्य मजदूरों के सामने तालिबानी तरीके से प्रताड़ना दी जाती है जिससे प्रताड़ित मजदूर तो स्वेच्छा से जाने को तैयार होता ही है इसके अलावा प्रताड़ना देख रहे अन्य मजदूर भी इतने सहम जाते है कि वे भी कथित स्वयम से दलालों के साथ सपरिवार अपने मासूम बच्चों के साथ जाने के लिए तैयार रहते है।

 मंत्री-अधिकारियों के बयान अखबारों तक सीमित
पलायन के मामले में मंत्रियों एवम प्रशासनिक अफसरों के बयान मात्र अखबारों तक ही सिमटते दिखते है।विगत अनेक वर्षों से प्रदेश के मंत्रियों जनप्रतिनिधियों सहित अफसरों के भी अक्सर पलायन नही होने देने के बयान देखे जा सकते है।बावजूद इसके प्रतिवर्ष मात्र महासमुन्द जिले से ही 50 हजार से अधिक मजदूर भट्ठा दलालों के चंगुल में आसानी से फंसते है और भययुक्त माहौल में प्रताड़ित जीवन जीने को मजबूर है।

इस सम्बंध में मजदूर खुल कर कभी शिकायत भी नही कर पाते क्योंकि शिकायत करने वाले मजदूर जेल तक भेज दिए जाते है लिहाजा अब मजदूर खुल कर कुछ बोलने की बजाय प्रताड़ना को ही अपनी नियति समझ अपना जीवन काट रहे है।ज्ञात हो कि हाल ही में श्रम मंत्री ने पिथौरा प्रवास में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा था कि गैर पंजीकृत मजदूरों के पलायन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यूपी चुनाव प्रभावित करने ले जा रहे
इधर क्षेत्रीय विधायक विनोद चंद्राकर ने मीडिया को बताया कि इन मजदूरों को उत्तर प्रदेश चुनाव तक रोक कर इनसे फर्जी वोटिंग कराई जाएगी।मजदूर दलालों पर मानव तस्करी का मामला दर्ज किया जाए।

दलालों के पास अनुमति का पता लगा रहे


पटेवा पुलिस के एस डी ओ पी विनोद मिंज ने पत्रकारों को बताया कि 130 मजदूरों से भरी बस को पकड़ कर पूछताछ की गई जिसमें भट्ठा दलाल जे के गुप्ता का नाम सामने आ रहा है।श्रम विभाग से पता लगाया जा रहा है कि दलालों के पंजीयन है या नही।पंजीयन है तो मजदूरों को ले जाने की प्रक्रिया की गई है या नही।इसकी जानकारी के बाद हो कार्यवाही की जाएगी।

बहरहाल प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री एवम स्थानीय विधायक संसदीय सचिव के मजदूरों के पलायन नही होने देने सम्बन्धी खुले बयान के बाद भी हो रहे पलायन में पकड़े गए मजदूर एवम मजदूरों के बयान के बाद उजागर हुए बयान में सामने आए भट्ठा दलालों पर भी पुलिस कार्यवाही करने में जिस तरह हिला हवाला करती दिख रही है।उससे मंत्री एवम संसदीय सचिव की प्रशासनिक पकड़ भी सामने आ गयी है।

 

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