रायपुर| छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल में धान के कस्टम मिलिंग पर भाजपा ने सरकार को घेरा। भाजपा के सदस्य अजय चंद्राकर ने वर्ष 2019-20 के 3.44 लाख टन चावल का कस्टम मिलिंग न होने का कारण पूछा।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने स्टेट पुल के अंतर्गत नान में मानक में अनुरूप जमा किये जाने की बात कही। खाद्य मंत्री ने जवाब में कहा कि 31 जनवरी अंतिम तिथि होती है, लेकिन कोरोना संकटकाल होने के कारण समय पर चावल जमा नही हो पाया।
उनके जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री पर झूठ बाेलने तक का आरोप लगा दिया। हंगामा इतना बढ़ा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मामले में खुद हस्तक्षेप करना पड़ा।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, 2019-20 में खरीदे गए 3.44 लाख मीट्रिक टन धान की अभी तक कस्टम मीलिंग पूरी नहीं की जा सकी है। वह धान समितियों और संग्रहण केंद्रों में रखे हैं। केंद्र सरकार ने सेंट्रल पूल में जमा करने के लिए 28 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराने की अनुमति दी थी, लेकिन 24 लाख मीट्रिक टन चावल ही जमा कराया जा सका। मंत्री ने इसकी वजह आदेश मिलने में देरी और कोरोना काल की दिक्कतों को बताया।
भाजपा विधायकों के सवाल पर मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, बचे हुए धान की कस्टम मीलिंग के बाद नागरिक आपूर्ति निगम के पास जमा किया जा रहा है।
विधायक अजय चंद्राकर ने भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण का हवाला देते हुए पूछा कि क्या एक साल पुराना चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लोगों को दिया जा सकता है।
जवाब में मंत्री ने कहा, विभाग के पास क्वालिटी इंस्पेक्टर हैं। उनकी जांच के बाद ही चावल जमा किया जाता है। इसके बाद भाजपा विधायकों ने मंत्री अमरजीत भगत को सीधी चुनौती दे डाली।
विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, अगर उनमें हिम्मत है तो चावल जमा करने के नार्म्स सदन के सामने रखें।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा के सवाल पर मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, दिसम्बर में उन्हें चावल जमा करने की पहली अनुमति मिली। उसके बाद चार बार समय-सीमा बढ़ाई गई।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, उनके सवाल के जवाब में मंत्री ने सितम्बर में जमा करने की जानकारी दी है। भाजपा विधायकों ने धान खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।